राजकुमार शुक्ल एवं मौलाना मजहरूल हक को भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ पर मिले भारत रत्न- डॉ एजाज अहमद

बेतिया: पश्चिम चंपारण सत्याग्रह के महानायक महान स्वतंत्रता सेनानी पंडित राजकुमार शुक्ल एवं मौलाना मजहरूल हक को भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ पर मिले भारत रत्न– कोरोना वायरस संक्रमण काल में एकजुट होने एवं मुक्ति का दिया संदेश।

चंपारण सत्याग्रह के
महानायक पंडित राजकुमार शुक्ल एवं मौलाना मजहरूल हक को भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ पर भारत रत्न देने की मांग सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन ने सरकार से की। राजकुमार शुक्ल की जीवन दर्शन से प्राकृतिक आपदाओं एवं कोरोना वायरस संक्रमण काल में मुक्ति का प्रेरणा लें युवा।आज दिनांक 20 मई 2021 कोअंतरराष्ट्रीय पीस एंबेस्डर सह सचिव सत्याग्रह रिसर्च फाउंडेशन डॉ एजाज अहमद अधिवक्ता एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल चांसलर प्रज्ञान अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय झारखंड ने महात्मा गांधी कस्तूरबा गांधी पंडित राजकुमार शुक्ल मौलाना मजहरूल हक एवं स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से कहा कि चंपारण सत्याग्रह के महानायक एवं महान स्वतंत्रता सेनानी राजकुमार शुक्ल की 90 वीं पुण्यतिथि पर वर्चुअल कार्यक्रम का आयोजन किया गया! इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद एवं डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल ने कहा कि आज ही के दिन 20 मई 1929 को हृदय गति रुकने से पंडित राजकुमार शुक्ला का निधन चंपारण के मोतिहारी में हुआ था ! 23 अगस्त 1875 ई0 को चंपारण के लाल राजकुमार शुक्ल जन्म हुआ था।
उनका सारा जीवन राष्ट्र के लिए समर्पित रहा। अंग्रेजों के अत्याचार एवं नील की खेती के अभिशाप से चंपारण के किसानों को मुक्ति दिलाने में पंडित राजकुमार शुक्ल मौलाना मजहरूल हक पीर मोहम्मद मुनीश शेख शेर मोहम्मद शेख गुलाब एवं हजारों चंपारण के स्वतंत्रता सेनानियों की अहम भूमिका रही ! 16 जुलाई 1917 को ऐतिहासिक हजारीमल धर्मशाला एवं 17 जुलाई 1917 को ऐतिहासिक राज हाई स्कूल में अंग्रेजों के अत्याचार के विरुद्ध एवं नील के अभिशाप के मुक्ति के लिए 10,000 से ज्यादा किसानों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के नेतृत्व में चंपारण जांच कमेटी के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था ऐतिहासिक मीना बाजार के व्यवसायियों ने बयान दर्ज कराने में स्वतंत्रता सेनानियों के साथ अहम भूमिका निभाई थी! इस अवसर पर सरकार से मांग करते हुए कहा कि चंपारण सत्याग्रह के पंडित राजकुमार शुक्ल एवं मौलाना मजहरुल हक को भारत की स्वाधीनता की 75 वीं वर्षगांठ पर सरकार द्वारा भारत रत्न सम्मानित किया जाए। साथ ही कोरोना वायरस संक्रमण एवं आपदाओं के समय एकजुट होकर नई पीढ़ी एवं युवा पंडित राजकुमार शुक्ल के जीवन दर्शन से प्रेरणा ले । यही होगी राष्ट्र द्वारा सच्ची श्रद्धांजलि। इस अवसर पर डॉ एजाज अहमद डॉ सुरेश कुमार अग्रवाल अमित कुमार लोहिया एवं बिहार विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग के शोधार्थी डॉक्टर शाहनवाज अली ने कहा कि श्रद्धा एवं विश्वास वह पूजी है जिसकी बुनियाद पर इंसान असंभव सा दिखने वाला कार्य को भी संभव बना देता है। पंडित राजकुमार शुक्ल को अटल विश्वास था कि गांधीजी चंपारण अवश्य आएंगे। पंडित राजकुमार शुक्ल का प्रभाव सबसे अधिक किसी पर पड़ा था। वह थे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं मौलाना मजहरुल हक। जिसने बापू एवं मौलाना मजहरूल हक के जीवन दर्शन को बदल दिया! राजकुमार शुक्ल एवं चंपारण के लोगों की सादगी ने ही महात्मा गांधी को सत्याग्रह सत्य एवं अहिंसा के रूप में ईश्वर का दिव्य दर्शन कराया था। अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि पंडित राजकुमार शुक्ल के जीवन दर्शन को स्कूली पाठ्यक्रम एवं विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए। ताकि नई पीढ़ी चंपारण के लाल पंडित राजकुमार शुक्ल के स्वतंत्रता आंदोलन में अतुल योगदान को जान सके। इस अवसर पर वक्ताओं ने स्वतंत्रता सेनानियों एवं शहीदों के सम्मान में बेतिया पश्चिम चंपारण में विश्वविद्यालय स्थापित करने एवं बेतिया संग्रहालय को विकसित एवं जीवंत रूप देकर कर राष्ट्रीय संग्रहालय बनाने की मांग की।

रिपोर्टर : रोहित कुमार दुबे 

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