आज है निर्जला एकादशी व्रत, जानें तिथि, मुहूर्त, व्रत विधि और महत्व
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आज यानि कि 21 जून को निर्जला एकादशी का व्रत है. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है इस दिन भगवान विष्णु की पूजा अर्चना की जाती है. मान्यता है कि एकादशी का व्रत करने घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.।
इस दिन व्रत करने से 24 एकादशी व्रत करने के बराबर फल की प्राप्ति होती है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस दिन विधि- विधान से भगवान विष्णु की पूजा- अर्चना की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार हर माह में दो बार एकादशी पड़ती है। साल में कुल 24 एकादशी पड़ती है। ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली एकादशी को निर्जला एकादशी के नाम से जाना जाता है। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का बहुत अधिक महत्व होता है। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी पूजा- विधि, महत्व, शुभ मुहूर्त और सामग्री ....
निर्जला एकादशी पूजा- विधि
सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त हो जाएं। घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें। भगवान विष्णु का गंगा जल से अभिषेक करें। भगवान विष्णु को पुष्प और तुलसी दल अर्पित करें। अगर संभव हो तो इस दिन व्रत भी रखें। भगवान की आरती करें। भगवान को भोग लगाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है। भगवान विष्णु के भोग में तुलसी को जरूर शामिल करें। ऐसा माना जाता है कि बिना तुलसी के भगवान विष्णु भोग ग्रहण नहीं करते हैं। इस पावन दिन भगवान विष्णु के साथ ही माता लक्ष्मी की पूजा भी करें। इस दिन भगवान का अधिक से अधिक ध्यान करें।
निर्जला एकादशी महत्व
इस पावन दिन व्रत रखने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार एकादशी का व्रत रखने से मृत्यु के बाद मोक्ष की प्राप्ति होती है।
एकादशी पूजा सामग्री
भगवान विष्णु जी का चित्र अथवा मूर्ति ,पुष्प,नारियल ,सुपारी, फल ,लौंग,धूप,दीप,घी ,पंचामृत ,अक्षत,तुलसी दल,चंदन ,मिष्ठान
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