Gupt Navratri के नौ दिन मां दुर्गा को लगाएं ये भोग, पूरी होगी हर इच्छा

हिन्दू धर्म में नवरात्रि पर्व का खास महत्व होता है। माघ मास में मनाई जाने वाली गुप्त नवरात्रि शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि 2 फरवरी यानि आज से शुरू हो रही है। आज से माता के विभिन्न स्वरूपों की पूजा के साथ-साथ दस महाविद्याओं की भी विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाने की मान्यता है। क्या आपको पता गुप्त नवरात्रि में देवी मां के नौ स्वरूपों को हर दिन अलग-अलग तरह का भोग लगाया जाता है? आइए आपको बताते हैं देवी मां के नौ स्वरूपों के पसंदीदा भोग क्या-क्या हैं। 

घी (Ghee)

गुप्त नवरात्रि के प्रथम दिन माता को सफेद चीजों का भोग लगाया जाता है। मां के भक्त आज पीला वस्त्र पहनकर उन्हें घी चढ़ाते हैं। मान्यता है कि आज के दिन देवी मां के चरणों में गाय का शुद्ध घी अर्पित करने से व्यक्ति को हर तरह के रोगों से मुक्ति मिलती है। 

शक्कर (Sugar)

गुप्त नवरात्रि की द्वितीया तिथि को माता को उनके भक्त हरे वस्त्र पहनकर शक्कर का भोग लगाते हैं। इस दिन माता को मिश्री, चीनी और पंचामृत का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि इस दिन इन खास चीजों का दान करने से आयु लंबी होती है। 

खीर (Kheer)

गुप्त नवरात्रि की तृतीया तिथि को माता को दूध और उससे बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से देवी प्रसन्न हो जाती हैं और व्यक्ति के सभी दुखों का नाश करती हैं। 

मालपुआ (Malpua)

गुप्त नवरात्रि की चतुर्थी तिथि को माता को मालपुआ का भोग लगाया जाता है। इस दिन माता के भक्त नारंगी वस्त्र पहनकर देवी की पूजा-अर्चना करते हैं। इस दिन मालपुआ से बना प्रसाद किसी ब्राह्मण को दान करने से बुद्धि का विकास होता है। 

केला (Banana)

गुप्त नवरात्रि की पंचमी तिथि को माता की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है। इस दिन उजला वस्त्र पहनकर माता रानी को केले का भोग लगाने के बाद ये प्रसाद ब्राह्मण को देना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से सद्बुद्धि आती है। 

शहद (Honey)

गुप्त नवरात्रि की षष्ठी तिथि को श्रद्धालु लाल रंग के कपड़े पहनकर देवी को शहद का भोग लगाते हैं। कहते हैं कि इस दिन प्रसाद में शहद का प्रयोग करने से साधक को सुंदर रूप की प्राप्ति होती है। 

गुड़ (Jaggery)

गुप्त नवरात्रि की सप्तमी तिथि को देवी की पूजा की जाती है। इस दिन माता के भक्त नीले वस्त्र पहनकर देवी को गुड़ का भोग लगाते हैं। कहा जाता है कि इस दिन भगवती को गुड़ का भोग लगाने से व्यक्ति शोकमुक्त होता है। 

नारियल (Coconut)

गुप्त नवरात्रि की अष्टमी तिथि को माता को पूजा-आराधना की जाती है। श्रद्धालु इस दिन गुलाबी वस्त्र पहनकर मां को नारियल चढ़ाते हैं। मान्यता है कि नारियल का भोग लगाने के बाद नारियल को सिर से घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित कर दें। माना जाता है कि ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं। 

तिल (Til) 

गुप्त नवरात्रि की नवमी तिथि को देवी की पूजा की जाती है। मां के भक्त इस दिन बैंगनी रंग के वस्त्र पहनकर मां को विभिन्न प्रकार के अनाजों का भोग लगाएं जैसे- हलवा, चना-पूरी, खीर और पुए और फिर उसे गरीबों को दान करें तो ऐसा  माना जाता है कि इससे जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। 

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