ऐसे करनी होती है प्याज़ की खेती....
प्याज में औषधीय गुण पाए जाते हैं. गर्मी के दिनों में प्याज का सेवन करना सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है. अब प्याज का सूप, अचार, सलाद या इससे सब्जी भी बना सकते हैं इसलिए प्याज़ की डिमांड देश के साथ - साथ विदेशों में भी बहुत हैं. ऐसे में किसान प्याज की खेती कर के अच्छा मुनाफा कमा सकता हैं. तो चलिए आज हम आपको प्याज की खेती के बारे में बताएंगे.....
प्याज़ की खेती...
प्याज की खेती के लिए आमतौर पर सभी प्रकार की मृदा उपयुक्त होती है. लेकिन अच्छी जल निकासी, नमी धारण क्षमता और कार्बनिक पदार्थ से भरपूर दोमट से चिकनी मिट्टी आदर्श मानी जाती है. प्याज की खेती के लिए मृदा का आदर्श पीएच मान 6 – 7 के बीच उपयुक्त होता है.
खाद का इस्तमाल...
ज की खेती किसी भी तरह की मिट्टी में की जा सकती है. लेकिन आप बलुई दोमट मिट्टी में प्याज की खेती करते हैं, तो इससे आपको अच्छी उपज मिल सकती है. ध्यान रहे मिट्टी का पीएच लेवल 6.5 से 7.5 के बीच में होना चाहिए. प्याज की बुवाई करने से पहले खेत में जल निकासी की व्यवस्था जरूर कर लें. आप उर्वरकों और खाद का इस्तेमाल बुवाई के पहले भी कर सकते हैं. जानकारी के मुताबिक प्याज की फसल के लिए सल्फर काफी उपयोगी माना गया है यह उपज में सुधार और प्याज के बल्बों की गुणवत्ता का ध्यान रखना है.
सल्फर का इस्तमाल...
रोपाई के समय किसान खेत में प्रति हेक्टेयर 25 किलो तक सल्फर डाल सकता है. अगर आप लंबे समय तक प्याज की फसल के लिए सल्फर का उपयोग करना चाहते हैं, तो 50 किलो प्रति हेक्टेयर सल्फर का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके अलावा आप गोबर की सड़ी खाद का 20 से 25 टन प्रति हेक्टेयर रोपाई से एक दो महीने पहले खेत में डाल सकते हैं. इसके अलावा पोटाश, नाइट्रोजन, जिंक का भी आप इस्तेमाल कर सकते हैं.
मुनाफा..
भारत देश में धान और गेहूं के अलावा प्याज की खेती भी बड़े स्तर पर की जाती है. अधिकतर लोग खाना खाने के साथ प्याज खाना पसंद करते हैं, वही प्याज का इस्तेमाल सलाद से लेकर सब्जी बनाने तक हर चीज में होता है. प्याज की डिमांड देश ही नहीं विदेशों में भी काफी रहती है, जिससे किसानों को अधिक मुनाफा होता है. किसान प्याज की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में कर सकता है
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