गल्ला व्यवसाई, राइस मिलर व उनके बिचौलिए कर रहे। किसान समेत भारत सरकार को पहुंचा रहे नुकसान

रायबरेली - एक तरफ जहां योगी सरकार गरीबों को मुफ्त राशन वितरण कर उनके परिवारों के जीवन यापन के लिए कई तरह को नई योजनाएं लाते है। ताकि गरीब परिवारों और को उन योजनाओं का लाभ मिल सके। लेकिन कहीं न कही राजस्व के कुछ अधिकारी और धान क्रय केंद्र के कर्मचारी योजनाओं पर बट्टा लगाने का काम कर रहे है। ठीक ऐसा ही मामला रायबरेली जिले में देखने को मिला रहा है। रायबरेली जिले में कुछ गल्ला व्यवसाई भोली भाली जनता को बहला फुसलाकर फर्जी तरीके से बटाईदार किसान बनाकर उनके आधार कार्ड के माध्यम से धान विक्रय कर गरीब किसानों के मिलने वाले लाभ में बट्टा लगाने में आतुर हो रहे है। जिस पर गल्ला व्यापारियों द्वारा गरीब किसानो से धान कम रेट में खरीद कर अच्छे खासे सरकारी रेट में बेच कर खूब मुनाफा कमाते है। लेकिन इसका खामियाजा गरीब किसानो को भुगतना पड़ रहा है। गल्ला व्यापारियों के इस कृत्य से गरीब किसान जिनका सरकारी राशन से घर परिवार पल रहा है। उनका राशन कार्ड निरस्त हो जाता है। 


(आइए जानते हैं क्या करते है गल्ला व्यापारी)

गल्ला व्यापारी मोटी रकम कमाने के लिए किसी भी ऐसे व्यक्ति को अपना शिकार बनाते है। जो इन सब से अनभिज्ञ हो। उन्हें बहला फुसलाकर झूठी शान दिखाते हुए। हजार पांच सौ व उससे अधिक रुपए का लालच देकर उन्हें बटाईदार कृषक बनाकर आधार कार्ड के माध्यम से केवाईसी कराकर अनभिज्ञ कथित किसान के नाम सैकड़ों कुंतल धान बेच दिया जाता है। जिसके बाद अनभिज्ञ कथित किसान के खाते में विक्रय का मूल्य आने पर गल्ला व्यापारी(बिचौलिए) द्वारा उस अनभिज्ञ किसान से नगद व अपने खाते के माध्यम से रुपए प्राप्त कर लेते है। जिसका खामियाजा गरीब अनभिज्ञ व कथित किसान को अपना राशन कार्ड कटवाकर व अन्य सरकारी सुविधाओं से वंचित हो कर भुगतना पड़ता है। 


(वास्तविक किसानो को नही मिल रहा सरकारी लाभ। खा रहे बिचौलिए)

वास्तविक किसान धान क्रय केंद्रों पर अपना धान विक्रय करने से वंचित रह जाता है। जिस पर किसान अपना धान(गल्ला)कम रेट पर गल्ला व्यापारियों व उनके बिचौलियों के हाथ बेचने पर मजबूर हो जाते है। जिसकी वजह से किसान परेशान होते जा रहे है। और बिचौलिए मालामाल होते जा रहे है। 

(कैसे निरस्त होता है गल्ला व्यवसायियों व उनके बिचौलियों की वजह से गरीब किसानो व अन्य गरीब परिवारों के राशन कार्ड)?

जब कोई व्यक्ति गल्ला व्यवसायियों व राइस मिलरो व उनके बिचौलियों का शिकार हो जाता है। तो उस व्यक्ति के आधार कार्ड का इस्तेमाल बिचौलियों द्वारा कर लिया जाता है। जब fsa और nfsa विभाग द्वारा आधार कार्ड की जांच होती है तो मिलान के बाद गरीब परिवार का राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाता है। 

(राजस्व कर्मचारियों की भूमिका संदिग्ध।)

अब इतना बड़ा खेल करने के लिए गल्ला व्यवसायियों व राइस मिलरो व उनके बिचौलियों को राजस्व कर्मचारियों को साधना पड़ता है जिस पर राजस्व के कर्मचारियों द्वारा जांच के जांच के नाम पर फर्जी आख्या रिपोर्ट लगाकर अपनी जेब गर्म कर गरीबों के मिलने वाले लाभ में पानी फेरने का काम कर रहे हैं। और यही नहीं गल्ला व्यवसायियों व राइस मिलरो व उनके बिचौलियों की वजह से कहीं ना कहीं सरकार की छवि धूमिल होती दिखाई दे रही है। साथ ही सरकार के पास जमा होने वाले टैक्सों में चोरी कर अपनी जेब भरते हैं जिससे सरकार को बहुत बड़ा नुकसान भी होता है यदि इन सब मामलों  में आलाअधिकारी संज्ञान में लें ले तो बहुत बड़े घोटाले का पर्दाफाश हो सकता है।

रिपोर्ट आशीष मौर्य

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