रिश्ता हो चुका है TOXIC तो जान लें ये टिप्स

हर व्यक्ति किसी न किसी इंसान से जरूर प्यार करता है  , और वो उस इंसान के साथ अपनी जिंदगी भी देखता है , उसका सपना होता है , कि वो जिससे प्यार करता है वो शख्स उसकी जिंदगी मे हमेशा रहें और वो उसके साथ ही अपनी खुशी ढूंढता है, इसलिए वो हमेशा ये कोशिश करता है कि वो जिसको प्यार करता है उसको खुश रखें और उसको कभी भी परेशान न होने दें , लेकिन कभी कभी हमारा जरूरत से ज्यादा प्यार हमारे रिश्ते को खराब कर देता है , जो परेशानी का कारण और कभी कभी रिश्ता टूटने का कराण भी बन जाता है , और आज की भाषा में जिसे टॉक्सिक कहा जाता है . और अगर आप भी अपने रिश्ते को टॉक्सिक होने से बचाना चाहते है तो इस बात का ध्यान जरूर रखिएगा . 

जीवन में खुद के इमोशन की देखभाल करना बहुत जरूरी है. यह काम हमें खुद करना पड़ता है. ऐसे में अगर आपको खुद की खुशी और टॉक्सिक रिश्‍ते के बीच किसी एक को चुनना पड़े तो समझ जाएं कि अब बदलाव की जरूरत है.  तो आइए जानते हैं कि कब समझें कि अब आपका रिश्‍ता टॉक्सिक हो गया है और इसे फिर से बेहतर बनाने के लिए क्या करना चाहिए.

1. जीवन में कंप्रोमाइज करना चाहिए, लेकिन अगर यह आपके जीवनभर की खुशियों के साथ हो तो समय आ गया है कि आप रिश्‍ते को थोड़ा स्पेस दें.

2.आपसी बातचीत रिश्‍ते को हेल्‍दी रखने का जरिया है, लेकिन अगर आप अपने मन की बात खुलकर शेयर नहीं कर पाते, तो आपके रिश्‍ते को रेड फ्लैग की जरूरत है.

3. अगर आप अपने पार्टनर को खुश रखने के कारण खुद के साथ ऑनेस्‍ट नहीं रह गए हैं और खुद को झूठा दिलासा देते रहते हैं तो यह आपके जीवन का सबसे चैलेंजिंग काम हो सकता है, ऐसा करने से बचें.

4. अपने परिवार और दोस्‍तों से रीकनेक्‍ट हों. अगर आपका रोमांटिंग रिलेशनशिप टॉक्सिक है तो बेहतर होगा कि आप इससे बाहर खुद को निकालें और नई शुरुआत करें.


क्या है टॉक्सित बिहेवियर - 
कंट्रोल करने वाला बर्ताव- पार्टनर से हर वक्‍त नियंत्रित होने जैसा महसूस होना.
विश्‍वास की कमी– एक दूसरे पर भरोसा ना करना, एक दूसरे के साथ जालसाजी करना.
हर वक्‍त नीचा दिखाना– किसी भी काम के लिए मोटिवेट करने के बजाय नीचा दिखाना.
अपमानजनक व्यवहार– बातचीत के दौरान आपमानजनक या गलत व्यवहार करना.
हर वक्‍त आलोचना– पार्टनर अगर हर वक्‍त आलोचना करता है और नकारात्मक टिप्पणियां करे.
दोस्तों और परिवार से मिसबिहेव– पार्टनर अगर दोस्तों और परिवार से अलग करने का प्रयास करे.
भावनात्मक शारीरिक हिंसा– अगर आप शारीरिक या मानसिक तौर पर हिंसा का सामना कर रहे हैं या मारपीट या अपमानजनक भाषा झेल रहे हैं.

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