अस्तित्व
साहित्य : अस्तित्व क्या है? दैहिक रुप में मौजूदगी , टिका रहता है मात्र कुछ ही सांसों पर इतने विराट शरीर का अस्तित्व । एक स्वप्न सा प्रतीत होता है ,मृत्यु के पश्चात, अस्तित्व । जीवन पर्यंत करता रहता है संघर्ष ,अपने अस्तित्व को पुख्ता करने के लिए मनुष्य ।कितने जामें पहनता है अस्तित्व के संघर्ष के लिए । परंतु अंत में , मृत्यु ही अटल सत्य है ,यह सभी जानते हैं । लेकिन जीवटता ही प्रेरित करती है ,अस्तित्व के संघर्ष के लिए ।
No Previous Comments found.