भूजल निष्कर्षण हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एन0ओ0सी0)/पंजीकरण कराना अनिवार्य - डीएम।

संतकबीरनगर : जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर ने बताया है कि उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल (प्रबंधन एवं विनियमन) अधिनियम-2019 के अन्तर्गत राज्य मे भूमिगत जल संरक्षित करने, नियन्त्रित करने और भूमिगत जल के विनियमन का सतत् प्रबन्धन सुनिश्चित करने के लिए, उसे मात्रात्मक और गुणात्मक स्थायित्व प्रदान करने के लिए विशेष रूप से भूजल संकटग्रस्त ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में भूजल संरक्षण एवं संवर्धन पर जोर दिया गया है एवं सभी औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक, आर0ओ0 प्लॉट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं को भूजल निष्कर्षण हेतु अनापत्ति प्रमाण-पत्र (एन0ओ0सी0)/पंजीकरण का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त भूगर्भ कूप निर्माण की समस्त ड्रिलिंग संस्थाओं का पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। उक्त के दृष्टिगत जिलाधिकारी ने समस्त औद्योगिक, वाणिज्यिक, अवसंरचनात्मक (निर्माण संबंधी इत्यादि), आर0ओ0 प्लांट और सामूहिक उपयोगकर्ताओं (अधिष्ठान यथा होटलों/लाजों/आवासीय कालोनियों/रिजार्टों/निजी चिकित्सालयों/ सर्विस सेंटर कारोबार प्रक्षेत्रों/माल्स/वाटर पार्कों इत्यादि) सहित मौजूदा एवं प्रस्तावित भूजल उपयोगकर्ताओं तथा समस्त ड्रिलिंग संस्थाओं को इस नोटिस के माध्यम से सूचित किया जाता है कि ऑनलाइन पोर्टल/निवेश मित्र के माध्यम से उत्तर प्रदेश भूर्गभ जल विभाग के पोर्टल www.upgwdonline.in द्वारा भूगर्भ जल प्रयोग हेतु अनापत्ति प्रमाण पत्र (एन0ओ0सी0)/पंजीकरण हेतु आवेदन करें। उत्तर प्रदेश भूगर्भ जल अधिनियम-2019 की धारा 39 के अन्तर्गत विना पंजीकरण अनापत्ति प्रमाण पत्र के भूगर्भ जल दोहन करने हेतु दोषी पाये व्यक्ति/समूह/संस्था को 02 से 05 लाख का जुर्माना अथवा 06 माह से 01 वर्ष तक का कारावास अथवा दोनो दण्ड निर्धारित किया गया है। अतः इस श्रेणी के उपभोक्ता तत्काल आवेदन कर पंजीकरण/अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्राप्त करना सुनिश्चित करें। आवेदन से सम्बन्धित किसी भी अन्य जानकारी के लिए www.upgwdonline.in अथवा विकास भवन में स्थित नोडल अधिकारी कार्यालय (सहायक अभियन्ता, लघु सिंचाई, संतकबीरनगर) से सम्पर्क कर सकते हैं।

 

 

रिपोर्टर : मोहम्मद नईम

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