सपा चेयरमैन को कोर्ट से भी मिली जीत, दाखिल चुनाव याचिका एडीजे कोर्ट ने किया निरस्त
संतकबीरनगर : मेंहदावल नगर पंचायत की सपा अध्यक्ष लक्ष्मी निषाद को कोर्ट से भी जीत मिल गई। भाजपा प्रत्याशी अंजना पांडेय ने उम्र में कूटरचना को आधार बनाकर चुनाव याचिका प्रस्तुत किया था। भाजपा प्रत्याशी की चुनाव याचिका को सुनवाई के पश्चात अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम रमेश दूबे की कोर्ट ने निरस्त करने का फैसला सुनाया। कोर्ट का निष्कर्ष है कि याची चुनाव याचिका को युक्तिसंगत, संतोषजनक एवं विश्वसनीय साक्ष्य से सिद्ध करने में असफल रही है। वर्तमान अध्यक्ष एवं विपक्षी संख्या एक लक्ष्मी के अधिवक्ता ने बताया कि अंजना पांडेय पत्नी धीरज कुमार पांडेय निवासी अछिया पांडेय ने चुनाव याचिका प्रस्तुत किया था। याचिका में लक्ष्मी निषाद पत्नी रमेश निषाद निवासी रुईहट्टा नगर पंचायत मेंहदावल समेत 14 अन्य को पक्षकार बनाया गया था। याची का कथन था कि वह नगर पंचायत मेंहदावल के अध्यक्ष पद की भाजपा की प्रत्याशी थी, तथा लक्ष्मी निषाद समाजवादी पार्टी की अध्यक्ष पद की प्रत्याशी थी। याची का कथन था कि अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए प्रत्याशी के उम्र की अर्हता 30 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए थी। नामांकन के समय विपक्षी लक्ष्मी की उम्र 23 वर्ष रही। मतदाता सूची में विपक्षी के पति की उम्र 28 वर्ष अंकित है। कूटरचना करके लक्ष्मी ने अपनी उम्र 32 वर्ष करा लिया है। इनके नामांकन पर अध्यक्ष पद की एक अन्य प्रत्याशी विपक्षी संख्या 2 रितिका पांडेय ने आपत्ति किया था। जिसका समर्थन याची ने भी किया था। परन्तु चुनाव अधिकारी ने आपत्ति निरस्त करके नामांकन वैध कर दिया था। याची का कथन था कि विपक्षी नगर पंचायत हरिहरपुर के वार्ड संख्या के निवासी राजेन्द्र की पुत्री है और इनकी परिवार रजिस्टर तथा अन्य अभिलेखों में आयु 23 वर्ष अंकित है। जबकि हरिहरपुर के सरस्वती शिशु मंदिर के अभिलेख में विपक्षी लक्ष्मी की उम्र 15 जुलाई 199 अंकित है, जो तीस वर्ष से कम है। इस आधार पर चुनाव निरस्त करके पुनः चुनाव कराने की याचना की गई थी। विपक्षी ने जवाबदेही प्रस्तुत करके कथन किया कि याची स्वंय अनेक विद्यालयों का संचालन करती है तथा इनके परिवार के लोग शिक्षा माफिया है। विपक्षी घरेलू शिक्षा से थोड़ा बहुत पढ़ लिख लेती है है। मात्र हस्ताक्षर करना जानती है। यदि याची ने किसी विद्यालय से विपक्षी की जन्मतिथि 15 जुलाई 1999 बनवाया हो तो उससे विपक्षी का कोई संबन्ध नहीं है। विपक्षी की जन्मतिथि मतदाता सूची, मतदाता परिचय पत्र, आधार कार्ड एवं पैन कार्ड में एक फरवरी 1991 दर्ज है। चुनाव में हार की खीझ के लिए निराधार तथ्यों पर याचिका प्रस्तुत किया है। याची की तरफसे चार तथा विपक्षी की तरफ से भी चार साक्षी न्यायालय में प्रस्तुत किए गए। पक्षों की बहस सुनने के पश्चात अपर जनपद न्यायाधीश प्रथम रमेश दूबे की कोर्ट ने पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों का अवलोकन करने के पश्चात चुनाव याचिका निरस्त कर दिया।
रिपोर्टर : मोहम्मद नईम
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