इस महाशिवरात्रि पर बन रहा है विशेष योग, जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

कहते है महशिवरात्रि का पर्व भगवान शिव जी के लिए सबसे खास और महत्वपूर्ण होता है, यही नहीं बल्कि हिन्दू धर्म में महशिवरात्रि का बहुत बड़ा महत्व भी है। बता दें की इस बार महशिवरात्रि का पावन पर्व 11 मार्च गुरूवार के दिन आ रहा है। इस दिन भगवान शिव की पूजा अर्चना की जाती है और इस दिन भक्त उपवास भी रखते हैं। जो कोई भी इस दिन भगवान शिव की दिल से पूजा-अर्चना करता है उसे भगवान प्रसन्न हो कर मन चाहा वरदान देते हैं। यही नहीं बल्कि उसका जिसवां खुशियों से भर जाता है और किसी भी प्रकार की बाधा का सामना नहीं करना पड़ता है।

महाशिवरात्रि कब है

पंचांग के अनुसार महाशिवरात्रि का पर्व 11 मार्च को फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि को मनाया जाएगा. इस दिन चंद्रमा मकर राशि और सूर्य कुंभ राशि में रहेंगे. महाशिवरात्रि का पर्व शिव योग में मनाया जाएगा. इस दिन अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से 12 बजकर 55 तक रहेगा.

महाशिवरात्रि पर ऐसे करें पूजा

महाशिवरात्रि पर प्रात: स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लें. इसके बाद पूजा आरंभ करें. शिवरात्रि के व्रत में नियमों का कठोरता से पालन करना चाहिए तभी इसका पूर्ण फल प्राप्त होता है. इसके साथ ही महाशिवरात्रि के व्रत का पारण भी विधि पूर्वक करना चाहिए. सूर्योदय और चतुर्दशी तिथि के अस्त होने के मध्य समय में ही व्रत पारण करना चाहिए.

चार बार की जाती है भगवान शिव की पूजा

महाशिवरात्रि वाले दिन भगवन शिव की चार बार पूजा की जाती है. मान्यता यह है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा रात्रि के समय एक बार या फिर संभव हो तो चार बार करनी चाहिए. वेदों में रात्रि के चार प्रहर बताए गए हैं. इस दिन हर प्रहर में भगवान शिव पूजा की जाती है. 

निशिता काल पूजा समय

11 मार्च को प्रात: 12 बजकर 06 मिनट से प्रात: 12 बजकर 55 मिनट तक. निशिता काल की अवधि: 00 घण्टे 48 मिनट.

 

 

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