सावन माह में शिव की विशेष आराधना से दूर होंगे जीवन के सारे कष्ट
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पवित्र सावन माह की शुरूआत 14 जुलाई से हो गई है सावन का ये महीना 12 अगस्त तक रहेगा.सावन के पावन माह में भगवान भोलेनाथ की अपने भक्तों पर विशेष कृपा बरसती है जो भक्त सावन के महीनों में शिवलिंग पर हर सुबह सच्चे मन से जल और बिल्वपत्र आदि का चढ़ावा करते हैं भोलेनाथ उनकी मनोकामना जरूर सुनते हैं. शिव पूजा में खासतौर पर जल और दूध से शिवलिंग का अभिषेक किया जाता है.
आचार्य के मुताबिक शिव पूजन से पहले भक्त को चंदन या भस्म का त्रिपुंड अपने माथे पर लगाना चाहिए. पूजन से पहले शिवलिंग पर अर्पित हो चुकी चीजों को हटा देना चाहिए. बिल्वपत्र को धोकर वापस पूजा में इस्तेमाल किया जा सकता है. शिव जी का पूजन रात में भी किया जा सकता है. जानिए अलग-अलग चीजों से शिव जी का अभिषेक करने से कौन-कौन सी मनोकामनाएं पूरी हो सकती हैं.
भगवान शिव को दूध की धारा से अभिषेक करते हैं तो घर में सुख-शांति बनी रहती है. मन शांत रहता है और कुंडली के चंद्र ग्रह के दोष भी शांत होते हैं. जल की धारा से अभिषेक करने से भक्तों की सभी समस्याएं दूर हो सकती हैं.
अगर रोगों से मुक्ति चाहते हैं तो शिव जी का घी और शहद की धारा से अभिषेक करना चाहिए. इत्र से अभिषेक करने से भक्त को सुख-शांति मिलती है. गन्ने के रस से अभिषेक करने पर भक्त के जीवन में आनंद बना रहता है.
जो लोग शिव जी की नि:स्वार्थ भाव से सिर्फ भक्ति करना चाहते हैं, उन्हें गंगाजल से शिव जी का अभिषेक करना चाहिए. गंगाजल शिव जी को विशेष प्रिय है और इसके अभिषेक से भगवान भक्तों पर विशेष कृपा करते हैं.
सावन के दिनों में शिवलिंग पर जल, पंचामृत और दूध जरूर चढ़ाएं. बिल्व पत्र, धतूरा, आंकड़े के फूल, जनेऊ शिव जी को अर्पित करें. चंदन से शिवलिंग पर तिलक करें. मिठाई का भोग लगाएं. धूप-दीप जलाकर भोलेनाथ की सुबह-शाम आरती करें. अंत में शिव जी का ध्यान करते हुए शिवलिंग की आधी परिक्रमा करें. भगवान से पूजा में हुई जानी-अनजानी गलतियों के लिए क्षमा मांगें. पूजा के बाद प्रसाद वितरित करें और खुद भी लें, पूजा करते समय ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप भक्त को करते रहना चाहिए.
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