बच्चे के शर्मीलेपन की वजह कहीं पेरेंट्स तो नहीं

हर पेरेंट्स चाहते हैं कि उनका बच्चा खुलकर अपनी भावनाएं बताए और हर विचार व्‍यक्‍त करे. लेकिन कभी-कभी पेरेंट्स अंजाने में उनके साथ ऐसा व्‍यवहार करने लगते हैं कि बच्‍चा किसी निगेटिव फीलिंग में बंध जाता है और चाहकर भी उबर नहीं पाता.  शर्मीलापन एक ऐसी ही फीलिंग है जिसकी वजह से बच्‍चा अपना आत्‍मविश्‍वास खोने लगता है. इसकी वजह से उनका सोशल लाइफ काफी प्रभावित होने लगता है. ऐसे में पेरेट्स अगर कुछ बातों को ध्‍यान में रखें तो अपने बच्‍चे के शर्मीलेपन को कुछ ही दिनों में दूर कर सकते हैं. तो आइए जानते हैं कि आप किन बातों को ध्‍यान में रखकर बच्चे का आत्‍मविश्‍वास बढ़ा सकते हैं.

बच्‍चे का शर्मीलापन इस तरह करें दूर- 

निगेटिव बातें न बोलें
अगर आप हमेशा उन्‍हें कहते रहेंगे कि तुम तो बहुत शर्माते हो या तुम तो बात ही नहीं करते, ऐसी बातें उनके दिमाग में अटक जाती हैं. वह लोगों से और भी दूर भागने लगता है इसलिए निगेटिव टैग लगाने से पहले 10 बार सोच लें.

पॉजिटिव बिहेव करें
बच्चे अगर आपसे कोई बात बताएं तो उनकी बातों को प्रायोरिटी दें. मसलन, अगर वे कुछ बताना चाहते हैं तो अपना फोन रखें और ध्‍यान से उनकी बातों को सुनें और समझने का प्रयास करें. इस तरह वे अपने विचारों को खुलकर व्यक्त करने में सहज महसूस करेंगे.

खुला माहौल
घर का माहौल ऐसा बनाएं जहां बच्चे अपनी हर बात बता सकें और अपनी हर भावनाओं को बिना किसी डर के व्यक्त कर सकें. ओपन टॉक और बातचीत से उनमें आत्मविश्वास भरेगा.

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