विश्वकर्मा पूजा के दिन क्यों होती हैं औजारों की पूजा ,जाने

PRATIBHA....

हिन्दू धर्म के अनुसार हर वर्ष कन्या संक्राति के दिन विश्वकर्मा पूजा मनाई जाती हैं. हिन्दू शास्त्र में विश्वकर्मा पूजा का खास महत्त्व माना जाता हैं.बता दें की, विश्वकर्मा पूजा के दिन ब्रम्हा जी के पुत्र भगवान विश्वकर्मा का जन्म हुआ था. जिस उपलक्ष्य में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती हैं.वही भगवान विश्वकर्मा को वास्तुकला का देवता भी माना गया हैं.विश्वकर्मा पूजा के दिन मिस्त्री, बढई ,वेल्डर लोग अपने व्यवसायों से जुड़े औजारों की पूजा करते है.जिससे उनको अपने जीवन में सफलता प्राप्त होती हैं .

जाने क्यों मनाते हैं विश्वकर्मा पूजा

हर वर्ष कन्या क्रांति के दिन विश्वकर्मा पूजा की जाती हैं, बता दे की ,उत्तरप्रदेश,पश्चिम बंगाल ,कर्नाटक,ओडिशा में आज के दिन का विशेष महत्व हैं.मान्यता के अनुसार ऐसा माना जाता हैं की,  ब्रह्माजी ने पृथ्वी बनाने के बाद उसे संवारने का कार्य भगवान विश्वकर्मा को सौंपा था. वही धार्मिक मान्यताओ के अनुसार ऐसा माना जाता हैं की ,भगवान विश्वकर्मा ने हथियारों, पुष्पक विमान,आकाश ,भवन का निर्माण किया था.इसलिए लोग कन्या क्रांति के दिन लोग कौशल में सुधार के लिए औजारों की पूजा करते हैं.जिसे विश्वकर्मा पूजा कहते हैं.जिससे उन्हें नौकरी और व्यापार में सफलता प्राप्त होती हैं.   

विश्वकर्मा पूजा का शुभ मुहूर्त 

विश्वकर्मा पूजा पर आज भगवान की पूजा के दो शुभ मुहूर्त बन रहे हैं. बता दे की ,आज सुबह 7 बजकर 50 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक पूजा का मुहूर्त हैं. वही दुसरे शुभ मुहूर्त की बात करे तो दोपहर 1 बजकर 58 मिनट से दोपहर 3 बजकर 30 मिनट तक मुहूर्त रहेगा

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