शादी के बाद दूल्हे को कुएं में फेंकने की होती है रस्म, क्या है इसके पीछे का कारण?

आपने शादी के दौरान होने वाली कई सारी रस्में देखी होंगी. हर जगह पर अलग अलग रीति रिवाज़ होते हैं. उनमें से कुछ रस्में ऐसी होती है जो शादी की खूबसूरत यादों का हिस्सा बन जाती है. तो वहीं कुछ रस्में ऐसी होती है जो हमें सोचने पर मजबूर कर देती है. ऐसी ही एक विचित्र रस्म भारत के एक गांव में निभाई जाती है. जहां शादी के बाद दुल्हें को कुएं में फेंक दिया जाता है. बता दें कि यें परंपरा भारत के इसी गांव में निभाई जाती है. तो आइए जानते है इस परंपरा के पीछे की वजह....

उत्तरी गोवां में निभाई जाती है यें रस्म
यें रस्म भारत के उत्तरी गोवा में निभाई जाती है. जहां शादी के बाद दुल्हें को झील या कुएं में फेंक दिया जाता है. इस रस्म का नाम 'साओ जोआओ' है. जितना वियर्ड इस रस्म का नाम है, उतनी ही वियर्ड यें रस्म भी है. जरा सोचियें दुल्हा सज-धज के बारात और बैंड- बाजे के साथ अपनी दुल्हन को लेने आता है, और शादी होते ही दुल्हन के घर वाले उसे कुएं में फेंक देते है! यें परंपरा अजीब तो है ही लेकिन इसके साथ-साथ काफी जोखिम भरी भी है. रस्म के दौरान अगर थोड़ी भी चूक हुई तो इसमें दुल्हें की जान भी जा सकती है.

क्या है परंपरा के पीछे का कारण? 
गांव वालों का मानना है कि इस रस्म से वो दुल्हे की सेहत का अंदाजा लगाते है. साथ ही इससे दुल्हे की हेल्थ भी सही रहती है. उनका कहना है कि इस रस्म को निभाने से परिवार वाले दुल्हे को और बेहतर से जान पाते है, कि दुल्हा भविष्य में अपना और अपनी पत्नी का अच्छे से ध्यान रख पाएगा कि नही. गांव में सदियों से इस रस्म को निभाया जा रहा है. यें परंपरा भले ही रिस्की है लेकिन इसे पूरी सावधानी के साथ निभाया जाता है. इस रस्म को करने के बाद ही दुल्हा अपने वैवाहिक जीवन की शुरूआत कर पाता है. उत्तरी गोवां की इस परंपरा पर कुछ लोग हस रहे है तो वहीं कुछ लोग इसके बारे में जानकर हैरान है. 

 

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