मंटो की जिंदगी फिल्मों में हुई बयाँ

आज 11 मई है और आज ही के दिन साल 1912 में पंजाब के समराला में अपने जमाने के बेबाक लेखक सआदत हसन मंटो उर्फ “मंटो” का जन्म हुआ था। मंटो को बदनाम, बेशर्म और बेखौफ लेखक कहा जाता था क्योंकि वह अपनी लेखनी में तारीफों के पुल नहीं बाधंते थे, बल्कि उनकी रचनाओं में समाज की बुराइयों को बेहिसाब तरीके से दिखाया गया है। बॉलीवुड इंडस्ट्री ने समय-समय पर मंटो को याद किया है। जहां एक तरफ उनकी जिंदगी पर एक फिल्म बनाई गई तो वहीं दूसरी ओर उनकी कुछ कहानियों को भी फिल्मों का रूप दिया गया। आइए आपको उन फिल्मों के बारे में बताते हैं, जो मंटो की रचनाओं पर आधारित हैं।
आज 11 मई है और आज ही के दिन साल 1912 में पंजाब के समराला में अपने जमाने के बेबाक लेखक सआदत हसन मंटो उर्फ “मंटो” का जन्म हुआ था। मंटो को बदनाम, बेशर्म और बेखौफ लेखक कहा जाता था क्योंकि वह अपनी लेखनी में तारीफों के पुल नहीं बाधंते थे, बल्कि उनकी रचनाओं में समाज की बुराइयों को बेहिसाब तरीके से दिखाया गया है। बॉलीवुड इंडस्ट्री ने समय-समय पर मंटो को याद किया है। जहां एक तरफ उनकी जिंदगी पर एक फिल्म बनाई गई तो वहीं दूसरी ओर उनकी कुछ कहानियों को भी फिल्मों का रूप दिया गया। आइए आपको उन फिल्मों के बारे में बताते हैं, जो मंटो की रचनाओं पर आधारित हैं।
"मंटो" साल 2018 में रिलीज हुई फिल्म “मंटो” लेखक सआदत हसन मंटो की जिंदगी पर आधारित फिल्म थी, जिसका निर्देशन नंदिता दास ने किया था। इस फिल्म में 'मंटो' का किरदार नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने निभाया था और लेखक की पत्नी सफिया के किरदार में रसिका दुग्गल नजर आई थीं। “मंटो” 1940 के बाद भारत की स्वतंत्रता अवधि के बाद आधारित है। इस फिल्म का प्रीमियर साल 2018 में कान फिल्म फेस्टिवल में हुआ था।
"टोबा टेक सिंह" 'टोबा टेक सिंह' मंटो की प्रमुख रचनाओं में से एक है, जिस पर शॉर्ट फिल्म साल 2017 में बनी थी। फिल्म का नाम भी 'टोबा टेक सिंह' है। फिल्म केतन मेहता द्वारा लिखित और निर्देशित है और शैलजा केजरीवाल द्वारा निर्मित है। इसमें पंकज कपूर और विनय पाठक अहम भूमिका में नजर आए थे।
"मंटोस्तान" राहत काजमी द्वारा निर्देशित 'मंटोस्तान' साल 2017 में रिलीज हुई थी। इस फिल्म को मंटो की चार (खोल दो, ठंडा गोश्त, असाइनमेंट, आखिरी सैल्यूट) कहानियों की मदद से तैयार किया था। फिल्म में शोएब निकश शाह, सोनल सहगल, रघुबीर यादव, तारिक खान, वीरेंद्र सक्सेना जैसे कलाकार नजर आए थे। फिल्म के जरिए 1947 के दर्दनाक देश विभाजन की तस्वीर को पर्दे पर लाने की कोशिश की गई थी लेकिन दर्शकों के बीच यह फिल्म कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाई।
"काली सलवार" 'काली सलवार' साल 2002 में रिलीज हुई थी, जिसका निर्देशन फरीदा मेहता द्वारा किया गया। यह फिल्म मंटो की इसी नाम की कहानी पर आधारित है, जिसमें सुल्ताना नाम की लड़की की कहानी है, जो वेश्या है। फिल्म में सुल्ताना के दर्द और उसके अंत के सन्नाटे की कहानी को दिखाया गया है। इस फिल्म में मुख्य भूमिकाओं में सादिया सिद्दीकी, इरफान खान, के. के. मेनन, व्रजेश हिरजी, सुरेख सीकरी जैसे कलाकार एक साथ नजर आए थे।

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