स्वामी विवेकानंद के ये विचार बदल देंगे आपकी ज़िंदगी।

12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में जन्मे नरेंद्र नाथ दत्त को सारी दुनिया स्वामी विवेकानंद के नाम से जानती है। स्वामी विवेकानंद ने जब 11 सितंबर साल 1893 को शिकागो में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में “अमेरिकी बहनों और भाइयों!” का सम्बोधन कर अपना स्वागत-भाषण दिया था तो रातों-रात ये ख़बर जंगल में आग की तरह फैल गई कि भारत भूमि से हिन्दू धर्म का शेर आया है। उनकी दहाड़ ने सारी दुनिया को ये एहसास कराया कि भारत की सरज़मी से आया हुआ एक हवा का झोंका भी दुनिया को एक सूत्र में बांध कर विश्व बंधुत्व का पाठ पढ़ाता है। 4 जुलाई, 1902 को अपनी देह त्यागने वाले स्वामी विवेकानंद जी युवाओं के हमेशा एक आदर्श और प्रेरणास्रोत हैं और रहेंगे। आज उनके परिनिर्वाण दिवस के अवसर हम आपके साथ साझा कर रहे हैं स्वामी जी के कुछ अनमोल विचार जो हमारे आपके जीवन में सदैव प्रेरणा का काम करते हैं।
12 जनवरी, 1863 को कलकत्ता में जन्मे नरेंद्र नाथ दत्त को सारी दुनिया स्वामी विवेकानंद के नाम से जानती है। स्वामी विवेकानंद ने जब 11 सितंबर साल 1893 को शिकागो में हुए विश्व धर्म सम्मेलन में “अमेरिकी बहनों और भाइयों!” का सम्बोधन कर अपना स्वागत-भाषण दिया था तो रातों-रात ये ख़बर जंगल में आग की तरह फैल गई कि भारत भूमि से हिन्दू धर्म का शेर आया है। उनकी दहाड़ ने सारी दुनिया को ये एहसास कराया कि भारत की सरज़मी से आया हुआ एक हवा का झोंका भी दुनिया को एक सूत्र में बांध कर विश्व बंधुत्व का पाठ पढ़ाता है। 4 जुलाई, 1902 को अपनी देह त्यागने वाले स्वामी विवेकानंद जी युवाओं के हमेशा एक आदर्श और प्रेरणास्रोत हैं और रहेंगे। आज उनके परिनिर्वाण दिवस के अवसर हम आपके साथ साझा कर रहे हैं स्वामी जी के कुछ अनमोल विचार जो हमारे आपके जीवन में सदैव प्रेरणा का काम करते हैं।
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