DAV स्कूल के नाम पर NTPC चला रहा कमाई की दुकान

छत्तीसगढ़ : जब घरघोडा क्षेत्र में NTPC जैसी महारत्न कंपनी का आगमन हुआ तो लोग ये आस लगाए हुए थे कि, इस कंपनी के हमारे क्षेत्र में आने से लोगों को लाभ होगा व हमारे क्षेत्र का विकास होगा अच्छे स्कूल व सड़कें बनेंगी किंतु, NTPC द्वारा इस क्षेत्र से खनिज संपदा का दोहन किया जा रहा है, बदले में इस क्षेत्र के न जाने कितने युवा-बच्चे इनके द्वारा चलाये जा रहे ट्रकों के पहिये के नीचे दम तोड़ रहे है, क्षेत्र के लोगों को दम घोटु प्रदूषण से भरी हवा, जंगल के लाखों पेड़ों की बली और बाहरी लोगों के आगमन से अपराध को बढ़ावा मिल रहा है, साथ ही साथ बेतरतीब खदानों में गड्ढे कर कोयले निकालने से इस क्षेत्र का जल स्तर लगातार नीचे जा रहा है जिससे जल संकट भी उत्पन्न हो गई है।

इस क्षेत्र के लोग ये आसरा लगाए हुए थे कि NTPC इस क्षेत्र में अच्छे स्कूल खोलेगी जिससे हमारे बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके NTPC ने DAV कौशल विहार, घरघोडा, नामक स्कूल खोला भी किंतु NTPC ने इस क्षेत्र के लोगों के आसरे को चकनाचूर करते हुए DAV स्कूल के नाम पर कमाई करने के लिए अपनी एक दुकान चला रही है, ताकि एक मोटी कमाई की जा सके।

NTPC द्वारा क्षेत्र के लोगों को कम खर्च पर अच्छी शिक्षा मिल सके यह न सोचकर 3 साल के बच्चे के लिए नर्सरी जैसे कक्षाओं के लिए स्कूल फीस के नाम पर 44 हजार रु वसूल कर रही है, जिसमें यदि पुस्तकें, स्कूल ड्रेस और बस का किराया जोड़ दिया जाए तो लगभग 60 से 65 हजार रु तक हो जाता है। और अन्य बड़े कक्षाओं की फीस पर भी ध्यान दें तो सालाना फीस एक बच्चे का लगभग 80 से 90 हजार तक जाता है।

NTPC का DAV स्कूल के माध्यम से फीस के नाम पर पैसा वसूली का खेल यही नही रुकता बल्कि इनके द्वारा अभी तक एड्मिसन की प्रक्रिया पूरी हुई ही नही और बीते अप्रेल महीने का भी फीस वसूली कर चिन्दी चोरी जैसी हरकतें की जा रही है, जबकि बच्चे का एड्मिसन प्रक्रिया पूरा हुआ ही नही, एक भी शिक्षकों की भर्ती हुई ही नही।

DAV के जिम्मेदार शिक्षक से जब इस फीस के संबंध में पूछा गया कि एड्मिसन पहली बार प्रारम्भ हुआ है और वह भी मई माह के अंत में, फिर अप्रेल माह का फीस क्यों वसूल कर रहे हैं तो उन्होंने कहा कि, NTPC और DAV के जॉइंट मैनेजमेंट का फैसला है, फीस के संबंध में हम कुछ नही कर सकते।
जबकि NTPC को चाहिए कि इस क्षेत्र के पालकों को कम फीस पर अच्छी शिक्षा मुहैया कराए ताकि यहां के बच्चे भी आगे बढ़ सके।

SECL छाल व कोरबा में भी DAV स्कूल संचालित है वहां फीस बहुत कम है, यदि NTPC घरघोडा DAV और छाल DAV स्कूल के फीस की तुलना की जाए तो अंतर जमींन और आसमान का है।

NTPC घरघोडा डीएवी स्कूल के वसूली की कहानी यहीं नही रुकती, आरटीई नियम के तहत, किसी भी निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत गरीब परिवार के बच्चों को एड्मिसन देना है जिसकी अंतिम तिथि 15 अप्रेल थी, किंतु NTPC घरघोडा DAV स्कूल द्वारा आरटीई के तहत गरीब बच्चों को एड्मिसन देना न पड़े इसकी भी कूट रचना प्लानिंग की गई और एड्मिसन हेतु फॉर्म बेचने का प्रारम्भ 15 अप्रेल से किया गया ताकि कोई आरटीई के तहत एड्मिसन हेतु यदि कहता है तो उसे आसानी से ये कहा जा सके कि उसकी तिथि समाप्त हो चुकी है, कई अभिभावकों ने फॉर्म खरीदते वक्त DAV कर्मियों को कहा भी किंतु उन्होंने प्लानिंग के तहत तिथि समाप्त होने की बात कही। अब उन बचे हुए 25 प्रतिशत शीटों पर DAV पूरा फीस वसूली करेगी।

 

रिपोर्टर :  सुनील जोल्हे

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