चोर बना चौकीदार ,अब तो होगा ही लूटपाट तनिष्क लूटकांड पूर्णियां बिहार

गुजरात : कल यानी 26-7-2024 को बिहार के पूर्णियां जिले से के पूर्णियां शहर से एक खबर राष्ट्रीय समाचार के कई चैनलों से इन प्रसारित की जा रही थी कि, दिन दहाड़े ज्वैलरी की बहुत बड़ी शोरूम तनिष्क में छः  लोगों ने दिनदहाड़े डकैती को अंजाम दिया गया पूर्णिया के खजांची थाना क्षेत्र के डाकबंगला चौक स्थित तनिष्क शोरूम में शुक्रवार  ज्वेलरी की लूट की । वारदात को अंजाम देने के लिए अपराधी करीब एक सप्ताह से शोरूम की रेकी कर रहे थे। 

कहा कि तनिष्क में फेस्टिवल ऑफ डायमंड‎ के तहत एग्जीबिशन लगी थी। 10 दिन से ग्राहकों की भीड़ ज्यादा थी। इसी भीड़ का फायदा उठाकर लुटेरों ने घटना को अंजाम दिया 2004 के बाद सबसे बड़ी लूट‎ की घटना बताई जा रही है। इससे‎ पहले पूर्णिया में बैंक की सबसे बड़ी डकैती ‎वर्ष 2004 में हुई थी। हथियारबंद‎ लुटेरों ने शहर के भट्ठा बाजार रोड ‎स्थित बैंक आफ इंडिया की शाखा‎ से दिनदहाड़े 70 लाख रुपए लूट ‎लिए थे। इससे पूर्व गुरुद्वारा रोड‎स्थित पंजाब नेशनल बैंक से 40‎ लाख रुपए की लूट हुई थी।

गौरतलब हो कि, 2004 से पहले पूर्णियां में वर्तमान सांसद पप्पू यादव का दबदबा था एवं पूर्णियां में लूटपाट, डकैती, चोरी चकारी आम बात थी, लोग डरे सहमें रहते हैं सात बजते-बजते बाज़ार बंद हो जाया करते थे , और हर वो परिवार डरा सहमा रहता था,कि,न जाने कब किसके घर में डकैती हो जाएं??लोकसभा चुनाव 2024 में जब पुनः पप्पू यादव पूर्णियां के सांसद पप्पू यादव बने तो पूर्णियां का हर वो शिक्षित और आत्मनिर्भर और व्यवसायिक वर्ग डरा जिसने पप्पू यादव का जमाना  देखा था,और दबी जुबान में चर्चा कर रहे थे कि, पूर्णियां में फिर से जंगल राज शुरू हो जाएगा और वैसा ही हुआ। सांसद के जीत के एक महीने बाद ही पूर्णियां के एक बड़े फर्नीचर व्यापारी ने उनपर रंगदारी मांगने का आरोप लगाया,आरोप है कि तीन साल पहले 02 अप्रैल 2021 को सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के द्वारा 10 लाख रूपया रंगदारी टैक्स की मांगी की गई थी। वर्ष 2023 के दुर्गा पूजा के दौरान मोबाईल एवं व्हाट्सएप्प कॉल पर 15 लाख रूपया और दो सोफा सेट मांगने के साथ-साथ इनको धमकी व गाली गलौज किया गया था। 

लाइन बाजार स्थित डाक्टरों के डर को भी पूर्णियांवासी समझ रहे हैं क्योंकि पप्पू यादव ने डाक्टरों की काउंसिलिंग शुरू कर दी है।जो पूर्णियां के लिए निहायत ही चिंता का विषय है क्योंकि यदि चोर को चौकीदार बना दिया जाए तो वारदात तो होगा ही। 17 साल तक हत्या की सजा का चुके अपराधी, रंगदारी वसूलने वाले बाहुबली, तमाम छोटे-बड़े अपराध को अंजाम देने वाले व्यक्ति को आखिर लोगों ने क्यों वोट देते है ??जिनपर कितने ही आपराधिक मामले दर्ज होते है???सियार जब खुद को रंग लेता है तो लोग उसे पहचानने की ग़लती कर बैठते हैं यही गलती पूर्णियांवासी कर चुके हैं और अंजाम पांच साल तक भुगतना होगा???

 

रिपोर्टर : चंद्रकांत पुजारी

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