#MATHURA : अधिक मास की अंतिम एकादशी पर निखिल गोस्वामी जी की कथा |
अधिक मास की अंतिम एकादशी 13 अक्टूबर यानि की आज है... बता दे इसे परम एकादशी कहा जाता है... सभी एकादशी में यह एकादशी विशेष है... मान्यता है कि परम एकादशी पर व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं... मलमास को भगवान विष्णु की पूजा के लिए सर्वोत्त्म माना गया है... भगवान विष्णुश ने ही इस मास को अपना नाम यानि की पुरुषोत्त म मास दिया है... मान्यता है कि सभी व्रतों में एकादशी का महत्व सबसे ज्यादा फल देने वाला होता है... आइये मथुरा से निखिल गोस्वामी जी की कथा को सुनते है...
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