कारवाँ गुज़र गया गुबार देखते रहे- गोपालदास “नीरज”

आज से क़रीब 100 साल पहले का अंग्रेज़ी शासन वाला हिंदुस्तान जब गाँधी दे रहे थे पूरे हिंदुस्तान को आज़ादी का पैगाम और गूँज रहा था नारा अंग्रेज़ों भारत छोड़ो आन्दोलन का.. इसका प्रभाव उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ और उसके आस पास भी ये नारे गूँज रहे थे और ऐसे में 4 जनवरी, 1925 का वो दिन जब अलीगढ़ के पड़ोसी ज़िले इटावा के पुरावली गाँव में पीड़ाओं के राजकुमार गोपालदास सक्सेना का जन्म हुआ जिसे दुनिया जानती है तो गोपालदास नीरज के नाम से...और आज है उन्हीं नीरज का जन्मदिन...

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