अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की मौजूदगी राष्ट्रीय सुरक्षा और कानून व्यवस्था के लिए खतरा
बलरामपुर : देशभर में बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और उन्हें निष्कासित करने का अभियान चलाया जा रहा है, लेकिन बलरामपुर जिले के उतरौला क्षेत्र में अभी तक इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। नगर और ग्रामीण इलाकों में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों की मौजूदगी न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती बनी हुई है, बल्कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा उत्पन्न कर रही है। इन विदेशियों ने क्षेत्र में अलग-अलग रूप में अपनी मौजूदगी दर्ज की है। कुछ ने छोटे-मोटे कारोबार शुरू कर लिए हैं, तो कुछ कूड़ा बीनने, भीख मांगने और गुब्बारे बेचने जैसे कामों में लगे हैं। नगर क्षेत्र की कांशीराम कॉलोनी और डूडा कॉलोनी में इनका बसेरा है, वहीं सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा कर स्थायी झुग्गी-झोपड़ी और घर भी बना लिए गए हैं। हालांकि इनका मुख्य काम कुछ भी हो, स्थानीय लोगों का आरोप है कि ये अवैध निवासी चोरी, घरों की रेकी, और साम्प्रदायिक तनाव जैसे असामाजिक कार्यों में संलिप्त रहते हैं। पिछले वर्ष एक शॉपिंग मॉल में हुई अराजकता और बारावफात के जुलूस के दौरान आपत्तिजनक नारों से क्षेत्र का माहौल बिगाड़ने में इनकी भूमिका बताई गई थी। स्थानीय निवासियों का कहना है कि सड़क किनारे और बाग-बगीचों में झुग्गियां बनाकर रहने वाले इन लोगों को राजनीतिक लाभ के चलते संरक्षण मिलता रहा है। यही कारण है कि इनकी गतिविधियों पर कार्रवाई करने में प्रशासन को कठिनाई होती है। अवैध रूप से रह रहे ये लोग, सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठा रहे हैं, जिससे स्थानीय जरूरतमंद वंचित रह जाते हैं। जब देश के अन्य हिस्सों में बांग्लादेशी नागरिकों की पहचान और डिटेक्शन सेंटर में भेजने की प्रक्रिया तेज है, तो उतरौला तहसील क्षेत्र में भी ऐसे कदम उठाने की मांग जोर पकड़ रही है। स्थानीय निवासियों ने प्रशासन से अपील की है कि इन विदेशियों की पहचान कर इन्हें डिटेक्शन सेंटर भेजा जाए। साथ ही, इनकी गतिविधियों की जांच कर कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाए। विशेषज्ञों का मानना है कि अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या क्षेत्र में न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि यह देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी खतरा है। इनकी गतिविधियां आतंकवादी संगठनों से जुड़ने या गुप्त सूचनाएं साझा करने जैसी गंभीर चिंताओं को जन्म देती हैं। स्थानीय प्रशासन और कानून व्यवस्था की जिम्मेदार एजेंसियों से अपेक्षा की जा रही है कि वे इस मामले में शीघ्र कदम उठाएं। अवैध निवासियों को चिन्हित कर उन्हें निष्कासित करना, और उनकी गतिविधियों की निगरानी करना जरूरी है, ताकि क्षेत्र में सौहार्द और शांति बनी रहे। उतरौला के निवासियों का कहना है कि यदि प्रशासन ने इस गंभीर समस्या पर समय रहते ध्यान नहीं दिया, तो यह समस्या और विकराल रूप ले सकती है। अब समय आ गया है कि क्षेत्रीय प्रशासन इस मुद्दे को प्राथमिकता देकर कार्रवाई करे और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करे।
रिपोर्टर : कमल किशोर गुप्ता
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