लोकसभा चुनाव होगा एतिहासिक, यूपी की 80 सीटों पर मतदान का गणित समझिए
लोकसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है . तारीखों का ऐलान हो गया है .. अचार संहिता का हिसाब हो चुका है ..अब बारी है तो बस चुनावी जंग की ...जो 19 अप्रैल से शुरू होगी ..और जंग में जीत किसकी हार किसकी होगी , ये भी 3 जून को पता चल जाएगा ..सभा राज्यों में तैयारियों जोरों से चल रही है ..लेकिन उत्तर प्रदेश का हाल जरा अलग है . लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश देश की सभी राजनीतिक पार्टियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण राज्य है. यहां से सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीट आती हैं. इसलिए राजनीति में कहावत भी है कि यूपी से ही दिल्ली का सफर तय होता है. यूपी भारत में सबसे अधिक लोकसभा सीटों वाला राज्य है.तो चलिए आपको बिना देर किए , यहा लोकसभा के सातों चरणों का गणित समझा देते हैं ..और बता देंते हैं कब होगा आपके शहर में मतदान -
पहले चरण की वोटिंग: 19 अप्रैल को (8 सीटों ) के लिए होगी
सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, रामपुर और पीलीभीत में वोटिंग होगी.
दूसरा चरण: 26 अप्रैल (8 सीट)
अमरोहा, मेरठ, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अलीगढ़ और मथुरा में वोटिंग होगी.
तीसरा चरण: 7 मई (10 सीट)
संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा, बदायूं, आंवला और बरेली में मतदान होगा.
चौथा चरण: 13 मई (13 सीट)
शाहजहांपुर, खीरी, धौरहरा, सीतापुर, हरदोई, मिश्रिख, उन्नाव, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर, अकबरपुर और बहराइच में वोटिंग होगी.
पांचवां चरण: 20 मई (14 सीट)
मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन, झांसी, हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर, कौशांबी, बाराबंकी, फैजाबाद, कैसरगंज और गोंडा में वोटिंग होगी.
छठा चरण: 25 मई (14 सीट)
सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर, इलाहाबाद, अम्बेडकरनगर, श्रावस्ती, डुमरियागंज, बस्ती, संतकबीर नगर, लालगंज, आजमगढ़, जौनपुर, मछलीशहर और भदोही में मतदान होगा.
सातवां चरण: 1 जून (13 सीट)
महराजगंज, गोरखपुर, कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव, घोसी, सलेमपुर, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, वाराणसी, मिर्जापुर और रॉबर्ट्सगंज में वोटिंग होगी.
क्लोजिंग - देखा जाए तो आज मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनावी प्रक्रिया को विस्तार से समझाया और आयोग की पूरी योजना बताई।... चुनाव आयोग की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि आयोग पूरी प्रक्रिया को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष कराने के लिए पूरी तैयार कर चुका है...तना ही नहीं, इस बार निर्वाचन आयोग नेताओं पर सबसे ज्यादा सख्त रहेगा और मतदाताओं को सबसे ज्यादा सहूलियत दी जाएगी...ऐसे में जनता किसको सिर पर बैठाती है , और किसको धरातल दिखाती है , ये देखने वाली बात होगी ..
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