नाइजीरिया ने पीएम मोदी को दिया 'ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर' सम्मान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस समय अफ्रीकी महाद्वीप के सबसे प्रभावशाली देशों में से एक, नाइजीरिया के दौरे पर हैं। इस दौरान नाइजीरिया ने प्रधानमंत्री मोदी को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान "द ग्रैंड कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द नाइजर" (GCON) से नवाजा। यह सम्मान भारत के प्रधानमंत्री के लिए विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि इससे पहले यह सम्मान केवल ब्रिटेन की महारानी एलिजाबेथ को मिला था। पीएम मोदी इस सम्मान को प्राप्त करने वाले दूसरे विदेशी नेता बन गए हैं, जो भारत की बढ़ती वैश्विक प्रतिष्ठा और उसकी मजबूत कूटनीतिक ताकत का प्रतीक है।
यह सम्मान प्रधानमंत्री मोदी को प्राप्त होने वाला 17वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है, जो न केवल उनके नेतृत्व की वैश्विक स्वीकृति को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत की राजनीति और कूटनीति अब दुनिया भर में एक मिसाल बन चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने नाइजीरिया के संघीय गणराज्य की राजधानी अबुजा में अपने पहले दिन पर संघीय राजधानी क्षेत्र के मंत्री न्येसोम एज़ेनवो वाइक से मुलाकात की, जिन्होंने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें अबुजा शहर की 'चाबी' भेंट की। यह चाबी नाइजीरिया के लोगों द्वारा प्रधानमंत्री मोदी पर दिखाए गए विश्वास और सम्मान का प्रतीक है।
प्रधानमंत्री मोदी नाइजीरिया में द्विपक्षीय चर्चा करने के लिए पहुंचे हैं, जिसका उद्देश्य भारत और नाइजीरिया के बीच रणनीतिक संबंधों को और मजबूत करना है। पीएम मोदी 17 नवंबर से 21 नवंबर तक तीन देशों—नाइजीरिया, ब्राजील और गुयाना के दौरे पर हैं, जो भारतीय कूटनीति के लिए एक बड़ा मौका है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस यात्रा के बारे में कहा, "राष्ट्रपति बोला अहमद टीनूबू के निमंत्रण पर यह मेरी नाइजीरिया की पहली यात्रा है, और यह हमारे दोनों देशों के बीच मजबूत और रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा।"
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी यात्रा लोकतंत्र और बहुलवाद में साझा विश्वास पर आधारित है और इसमें भारत और नाइजीरिया के रिश्तों को और प्रगाढ़ करने की पूरी संभावना है। पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उन्हें भारतीय समुदाय और नाइजीरिया के मित्रों से मिलने का इंतजार है, जिन्होंने उन्हें हिंदी में गर्मजोशी से स्वागत संदेश भेजे हैं।
यह पल न केवल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए गर्व का क्षण है, बल्कि यह भारत की वैश्विक शक्ति, कूटनीतिक क्षमता और दुनिया में बढ़ते प्रभाव का एक मजबूत संदेश भी है।
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