एक शपथ अपने लिए , अपने देश के लिए लीजिए
कल पूरा देश गणतंत्र दिवस का जश्न मनाएगा .. भारत माता की जय के नारे लगाए जाएंगे ... एक बार फिर पूरा देश देशभक्ति में डूबा नजर आ आएगा .. आज हम आपको गणतंत्र दिवस का इतिहास नहीं बताएंगे बल्कि एक सच्चाई से रूबरू करवाएंगे ..ये सच्चाई है इस देश भविष्य यानी कि युवाओं की .. इस देश के युवा जो यहां की शक्ति है , वही कमजोर होते जा रहे हैं . सोचिए जरा , आजादी के दीवानों ने हमें न केवल स्वतंत्रता दिलाई, बल्कि राष्ट्र निर्माण का जिम्मा भी सौंपा है , मगर क्या आज के युवा शहीदों के सपने पर खरे उतर पा रहे हैं.... अगर, युवाओं पर गौर करें, तो यहां तकनीकी, विचारों, शिक्षा, संसाधनों, विज्ञान, पहनावा हर नजरिए से युवाओं को आजादी मिली है , मगर अफसोस की आज युवा इन्ही सुविधाओं के आदी हो गए हैं ..आज दुनिया में तकनीकी चरम पर है .. जहां रिमोट से चैनल बदलते हाथ भले थक जाएं, लेकिन चैनल्स की लिस्ट बढ़ती रहती है .. आज युवाओं के लिए गणतंत्र दिवस के मायने ध्वजारोहण, स्कूल-कॉलेज के समारोह, छुट्टी का एक दिन या टीवी, एफएम पर देशभक्ति के गाने सुनना या फिर कुछ सरकारी-गैरसरकारी कार्यक्रमों में शिरकत करना रह गया है..... आजादी के बारे में इस पीढ़ी की राय थोड़ी अलग भले हो, लेकिन गणतंत्र दिवस का जोश वैसा ही है. कॉन्फिडेंस के साथ ये पीढ़ी आजाद भारत का वारिस होने का दम भरती है और भ्रष्टाचार, अपराध को मिटाना चाहती है... मगर इसके लिए करती क्या है , ये बड़ा सवाल है ..जो युवा पीढ़ी व्यक्तिगत आजादी के लिए संघर्ष करने और मर मिटने तक को तैयार है क्या वो देश के लिए भी मर मिट सकती है???इटरनेट अफेक्शन में रची-बसी यह पीढ़ी दिल की आजादी चाहती है और विचारों की स्वतंत्रता भी ... दिल जोडऩे के साथ तोडऩे की भी स्वतंत्रता रखती है...कुल मिलाकर मौजूदा पीढ़ी की नजर में फ्रीडम मतलब ‘मोर अर्निंग, मोर परचेजिंग’ से है,
हम बस युवाओं से इतना ही कहना चाहेंगे कि कल गणतंत्र दिवस है ,, वो दिन जिस दिन देश का संविधान लागू हुआ..नियम कानून लागू हुए .ऐसे में हमें भी आज के दिन खुद के लिए कुछ नियम बनाने चाहिए .. असली आजादी बेफिक्री में नहीं , बल्कि असली आजादी गरिमा और मर्यादा की परिधि में रहकर वैचारिक रूप से परिवर्तन लाने की कोशिश में है. सिर्फ डिस्को थेक में वक्त गुजारने और सेक्स और हिंसा को जिंदगी का लक्ष्य बनाकर चलने से कुछ नहीं होगा .. ऐसा नहीं है , कि सारे युवा यही करते हैं , मगर जो करते हैं उनको देखकर लाखों युवा भकटते भी हैं. समझिए इस बात को कि आज का दिन केवल झंडा लहराने के लिए नहीं होता ...बहुत कुछ सोचने और समझने के लिए भी होता है . इसीलिए इस दिन के मायनों को समझे , जैसे एक देश को चलाने के लिए संविधान , नियम कानून की जरूरत होती है , वैसे ही जिंदगी को चलाने के लिए कुछ जरूरी नियम और कानून होने ही चाहिए ... युवा इस देश की शान है , वहीं इस का मान बढ़ा सकते हैं ..इसीलिए आज के इस पावन दिन पर एक शपथ अपने लिए , अपने देश के लिए लीजिए ..
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