मोदी सरकार ने जनता को छोड़ा 'राम भरोसे' !
दुनिया राम भरोसे चलती है , इसमें कोई शक नहीं है . फिर भी अपनी रक्षा और अपनों की रक्षा इंसानों को करनी ही पड़ती है , हिम्मत देने के लिए रामजी पीछे रहते हैं . यही प्रकृति का नियम है . मगर इसका मतलब ये नहीं है , कि इंसान अपनों को परेशानी में छोड़ दें और कह दे कि ये राम भरोसे है . दरसल हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं , क्योंकि सरकार ने आम जनता को भगवान के भरोसे ही छोड़ दिया है, कम से कम आज के पेश किए गए अंतरिम बजट को देखकर तो ऐसा ही कहा जा सकता है . बीजेपी ने जिस तरह अपनी नैया को राम भरोसे रखा है , वैसे ही शायद जनता की नैया भी रामजी को सौंप कर अपना पलड़ा झाड़ लिया है . आज इस अंतरिम बजट का इंतजार हर कोई बेसब्री से कर रहा था... जनता को उम्मीद थी कि इस बजट के जरिये कुछ न कुछ राहत की बरसात बरसेगी. मगर जनता पर तो सुविधाओं की फुहार तक नहीं पड़ी .अब सरकार ने जनता को राम भरोसे क्यों छोड़ा है , ये इसी बात से समझ लीजिए कि आज सुबह जब केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में प्रवेश कर रही थीं, उसी समय उनकी पार्टी के कुछ समर्थक संसद भवन के बाहर जय श्री राम का जयकारा लगा रहे थे..जिसके बाद ऐसा लग रहा था , कि बजट में कुछ कमाल का मिलने वाला है , मगर जनता को बाद में निराश ही होना पड़ा . लग रहा था कि किसानों, महिलाओं, युवाओं आदि की लॉटरी लगने वाली है..मगर शायद ही अब कोई खुश हुआ हो . वहीं आज पूरे देश की नजर बजट पर थी... हमेशा की तरह नौकरीपेशा लोग भी इस पर टकटकी लगाए बैठे थे... यह बजट लोकसभा चुनाव से पहले पेश हो रहा था.. ऐसे में उम्मीदें भी बहुत ज्यादा थीं..नौकरीपेशा लोग टैक्स स्लैब में जिस कटौती की आस लगाए बैठे थे, वो भी अधूरी ही रह गई.बजट में आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया. ऐसे ही कोई बड़ी घोषणा किसी भी सेक्टर के लिए नहीं की गई , जिससे तहलका मच जाए .बजट में कौन से ऐलान किए गए वो जान लेते हैं -
1. आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया।
2. कॉर्पोरेट टैक्स की दर को 22% से घटाकर 21% करने की घोषणा की गई।
3. कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए 1.5 लाख करोड़ रुपये का आवंटन किया गया।
4. फसल बीमा योजना का विस्तार किया गया।
5. किसान क्रेडिट कार्ड के लिए लोन सीमा को बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये किया गया।
6. महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई घोषणाएं की गईं।
7. स्वच्छ भारत मिशन के तहत 2024 तक सभी ग्रामीण घरों में शौचालय की उपलब्धता सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया।
8. डिजिटल इंडिया मिशन को आगे बढ़ाने के लिए कई घोषणाएं की गईं।
कुल मिलाकर देखा जाए तो इसमें कोई भी एक ऐसा घोषणा नहीं है , जिसने किसी सेक्टर को खुशी से पागल कर दिया हो , ऐसे में लोग हैरान है ये सोचकर भी , चुनाव से पहले के बजट में सरकार इतनी लापरवाही कैसे कर सकती है , कि जनता को लुभाना ही भूल जाए , मगर वहीं दूसरी ओर जानकारों का कहना है कि सरकार ने इस बजट से बड़ा मैसेज भी दिया है... उसने दिखाया है कि वह लोगों को लुभाने के लिए बजट को चुनावी हथकंडा नहीं बनाएगी. इसके जरिये यह भी दर्शाया गया है कि जनकल्याणकारी स्कीमों का ऐलान करने के लिए उसके पास सिर्फ बजट में ही एक मंच नहीं है.
No Previous Comments found.