ज्ञानवापी मामले पर मुस्लिम बोले - मुंह दिखाने काबिल नहीं रहे!
अभी तो राम मंदिर बना है , बहुत कुछ अधिकार मिलने बाकी है . ऐसा सोच रहा है पूरा हिंदू समुदाय . क्योंकि राम मंदिर बन जाने के बाद अब उसे अपने सारे हक वापस मिलने की उम्मीद भी हैं और लालसा भी . उसकी इसी लालसा का परिणाम है कि वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में हिंदू पक्ष को बड़ी जीत मिली और ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर के तहखाने में भगवान की पूजा भी कोर्ट के फैसले के बाद होने लगी . हाइकोर्ट ने भी इस फैसले पर अभी आपत्ति नहीं जताई है . काशी विश्वनाथ मंदिर से सटी ज्ञानवापी मस्जिद में पूजा हो रही है , और ये बहुत बड़ी बात है , हिंदुओं के लिए भी और मुस्लिम समाज के लिए भी .. हिंदु कह रहे हैं कि उनका हक मिल रहा है , जबकि मुस्लिम कह रहे हैं , कि उनके साथ अन्याय हो रहा है . ज्ञानवापी मामले पर जमीयत उलमा-ए-हिंद के अध्यक्ष महमूद मदनी ने कहा कि इससे इंडिया के जूडिशियल सिस्टम पर बड़ा सवाल आ गया है. एक तरफा तौर पर जाते-जाते इनामात मिल जाएंगे. इस तरह का फैसला दे दिया. ऊपर की अदालत दखल देने को तैयार नहीं है. मदनी ने कहा कि ये कहना गलत नहीं होगा कि दुश्मनों जैसा सुलूक किया जा रहा है. मदनी ने कहा कि हम मुंह दिखाने के काबिल नहीं हैं.
बता दें कि भारत जैसे में देश में इस वक्त हिदुत्ंव का डंका बज रहा है . एक के बाद एक हिंदुओं को खुशी का जश्न मनाने का मौका मिल रहा है .अब फिर एक बार देशभर के हिंदुओं की खुशी का कोई ठिकाना नहीं है, क्योंकि एक और जंग में हिंदुओं को जीत मिली है. ज्ञानवापी मामले में वाराणसी कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है. कोर्ट ने व्यास परिवार को तहखाने में पूजा करने का अधिकार दिया है.कोर्ट ने सात दिनों में पूजा करने के लिए बैरिकेडिंग को हटाने के निर्देश दिए है. साथ ही ये भी कहा कि तहखाने की साफ-सफाई कराई जाए. देखा जाए तो ये फैसला ऐसे वक्त में आया है, जब एक तरफ राम मंदिर का भी बोलबाला है , तो दूसरी ओर वाराणसी में भी मस्जिद के अंदर पूजा पाठ की अनुमति हिंदुओं को मिल गई है . हालांकि मुस्लिम पक्ष की तरफ से इसको लेकर आपत्ति जता दी गई है . कहा जा रहा है , व्यास तहखाना मस्जिद का पार्ट है.. ऐसे में वहां पूजा-पाठ की अनुमति नहीं दी जा सकती है.इसको लेकर मुस्लिम पक्ष हाई कोर्ट भी गया मगर फिलहाल हाई कोर्ट ने भी पूजा को रोकने से इंकार कर दिया है . जिसके बाद मुस्लिम पक्ष में निशाना छाई हुई है .
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