लद्दाक में मोदी सरकार को लेकर बवाल , आखिर क्या है लद्दाक को राज्य बनाए जाने का मामला?


लद्दाक ....वो जगह जो भारत के लिए किसी स्वर्ग से कम नहीं है .जहां जाना आज के जमाने के हर युवा का सपना जैसा है .. उस लद्दाक में आजकल आफत आई हुई है . लोग सड़को पर कूच कर रहे हैं , और मोदी सरकार के विरोध में उतर आए हैं ..वजह क्या है , वो भी बता देते हैं . दरसल लद्दाक के लोगों ने लद्दाख को राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची को लागू करने और लेह एवं कारगिल जिलों के लिए अलग संसद सीटों की मांग की है  .बता दें कि केंद्र शासित प्रदेश के लिए छठी अनुसूची के तहत राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर हजारों लोगों ने शनिवार को मार्च निकाला और लद्दाख पूरी तरह से बंद रहा. लेह में पड़ रही जमा देने वाली ठंड के बावजूद विरोध प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं. इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस द्वारा संयुक्त रूप से किया गया था.

ये सारी मांगे जो लद्दाक के लोग सरकार से कर रहे हैं , इन मांगों को पूरा किए जाने का आश्वासन सरकार पहले ही इन लोगों को दे चुकी है .मगर वादे को पूरा करने में हो रही देरी की वजह से इन लोगों के सब्र का बाँध टूट गया .लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग पर विरोध प्रदर्शन का ऐलान किया गया था. हालांकि उससे पहले केंद्र ने घोषणा की है कि लेह एपेक्स बॉडी और कारगिल डेमोक्रेटिक अलायंस के प्रतिनिधियों के साथ दूसरे दौर की वार्ता आयोजित की जाएगी. इसके बावजूद लोगों ने सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन किया और क्षेत्र में हड़ताल की. हालांकि इस मामले पर जमकर राजनीति भी शुरू हो गई  .. लोकसभा चुनाव के वक्त में होती इस घटना का कांग्रेस ने भरपूर फायदा उठाया  कांग्रेस ने ट्वीट कर लिखा कि - 

लद्दाख की जनता न्याय के लिए सड़कों पर उतर आई है।हाथ में BJP का मेनिफेस्टो लिए जनता कह रही है - मोदी सरकार और BJP सिर्फ जुमलेबाजी करती है।लद्दाख के लोग पूर्ण राज्य का दर्जा मांग रहे हैं। अफसोस ये खबर TV न्यूज नहीं दिखा रहा, क्योंकि उसपर मोदी सरकार का कब्जा है।लेकिन अन्याय के दिन अब लद गए हैं... अब न्याय होकर रहेगा।              

बता दें कि लद्दाख के लोगों ने कहा कि वे केंद्र शासित प्रदेश में एक अंतहीन नौकरशाही शासन के तहत नहीं रह सकते हैं और केवल पूर्ण राज्य का दर्जा – जहां वे क्षेत्र पर शासन करने के लिए अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं – ही उनकी मांग को पूरा कर सकते हैं. दिसंबर में, केंद्र ने लद्दाख में अपनी पहली बैठक की थी और लेह एवं कारगिल के दोनों निकायों से अपनी मांगें प्रस्तुत करने को कहा था.फिलहाल अभी जो पूरा नहीं हुआ है .

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.