नोटिफिकेशन जारी होने के बाद यूआईटी का बोर्ड हटाकर बीडीए का बोर्ड लगा दिया गया है।

भरतपुर : सीएम सिटी भरतपुर के यूआईटी को बीडीए बनाए जाने के बाद उसमें शहर सहित 210 गांव शामिल होने के बाद अब विकास की गति के तेज होने की संभावना है। प्राप्त जानकारी अनुसार बीडीए में विभिन्न प्रकार की कमेटियों जैसे अथॉरिटी एक्जूकेटिव कमेटी, ट्रैफिक कंट्रोल बोर्ड, लैंड एंड प्रोपर्टी कमेटी, बिल्डिंग प्लान कमेटी और प्रोजेक्ट वर्क कमेटी के गठन होने से संबन्धित मामलों को निस्तारण जल्दी होगा। यूआईटी में करीब 53 राजस्व गांव शामिल थे लेकिन अब बीडीए में शहर सहित 210 गांव शामिल हो गए हैं जिससे लगभग 20-22 किलोमीटर का क्षेत्र कवर हुआ है जिसमें सारस से ऊंचा नगला, भरतपुर से बाबूला, उच्चैन रोड पर सेवर से आगे और सौंख गोवर्धन रोड पर टोंटपुर तक के क्षेत्र शामिल है। बीडीए में कई महत्वपूर्ण पद जैसे कमिश्नर, सचिव, दो डिप्टी कमिश्नर, भूमि अवाप्ति अधिकारी, तहसीलदार, पटवारी, चीफ इंजीनियर, 30 जेईएन, सात लेखाधिकारी, लीगल डायरेक्टर, टाउन प्लानर और पुलिस बल शामिल हैं। बीडीए में भरतपुर को एक हजार करोड़ रुपए तक का वार्षिक बजट मिल सकेगा, जो वर्तमान यूआईटी के 200 करोड़ रुपए के बजट से कई गुना अधिक है। गौरतलब है कि भरतपुर नगर निगम और नगर विकास न्यास को अक्सर बजट की कमी का सामना करना पड़ता था जिसपर अब बीडीए के गठन से न केवल भरतपुर शहर बल्कि आसपास के गांवों और कॉलोनियों का भी व्यवस्थित विकास होने की संभावना है।

 

 

रिपोर्टर  : रीना 

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