शहरों में रि-रजिस्ट्रेशन करा भरतपुर में धड़ल्ले से वाहन दौड़ाए जा रहे

भरतपुर : भरतपुर जिले को भले ही एनसीआर में शामिल कर लिया गया हो लेकिन अब भी जिले में 10 साल पुराने पेट्रोल और 15 साल पुराने डीजल वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। ट्रांसपोर्टर और वाहन मालिकों द्वारा सरकारी नियमों को ढाल बनाकर 90% वाहनों का किराएनामे पर अन्य जिलों धौलपुर, दौसा, करौली, जैसलमेर आदि शहरों में रि-रजिस्ट्रेशन करा भरतपुर में धड़ल्ले से वाहन दौड़ाए जा रहे हैं जिससे जिले का प्रदूषण कम होने के बजाए लगातार बढ़ रहा है लेकिन सबकुछ जानने के बाद भी परिवहन विभाग के अफसर और पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है जिससे हर साल करोड़ों रुपए के राजस्व का भी नुकसान हो रहा है। प्राप्त जानकारी अनुसार वर्ष 2018 में भरतपुर में 1045 भारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन हुआ था जबकि वर्ष 2024 में महज 505 वाहन ही रजिस्टर्ड हुए। जिले से एनओसी लेकर गए 10 हजार वाहनों में से 90 प्रतिशत वाहनों अभी भी जिले की सीमा में ही चल रहे हैं। उदाहरण के तौर पर यदि श्याम सिंह के ट्रक को 10 साल पूरे हो गए हैं तो वह अपने वाहन को धौलपुर में रि-रजिस्ट्रेशन कराने के लिए आवेदन करेगा। वह धौलपुर में किसी परिचित व्यक्ति के पते पर खुद को किरायेदार दिखाकर किराएनामा तैयार करा लेगा तथा इसी अस्थाई पते के आधार पर परिवहन विभाग में वाहन का रि-रजिस्ट्रेशन करा लेगा जबकि श्याम सिंह का स्थाई पता भरतपुर ही रहता है तथा इसके बाद वह अपने वाहन को भरतपुर में ही चलाएगा। गौरतलब है कि दिल्ली एनसीआर में राजधानी दिल्ली के अलावा मेरठ, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर, बागपत, हापुड़, शामली और मुजफ्फरनगर, फरीदाबाद, गुरुग्राम, मेवात, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, चरखी-दादरी के साथ भिवानी, महेंद्रगढ़, जिंद और करनाल और अलवर और भरतपुर शामिल हैं।

रिपोर्टर : रीना 

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