इस बार बजट में सरकार खोलेगी खजाना .क्या मिलेगा , यहां जानिए
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी 1 फरवरी को देश की संसद में वित्त वर्ष 2025-26 के लिए केंद्रीय बजट पेश करेंगी, जिसमें पूरे देश भर के लोगों को, युवाओं, किसानों, महिलाओं और व्यापारियों को बेहतरी की उम्मीद है.लेकिन इस बार मोदी सरकार को एक बड़ी चुनौती का सामना करना है—मिडिल क्लास की नाराजगी को दूर करने का .. यह वही वर्ग है जो हमेशा भाजपा का समर्थक रहा है, लेकिन अब वो महसूस कर रहा है कि सरकार ने उसकी परेशानियों को नजरअंदाज कर दिया है....टैक्स बढ़ रहे हैं, महंगाई बढ़ रही है, लेकिन राहत का कोई संकेत नहीं है.इस वक्त सोशल मीडिया पर एक ही आवाज सुनाई दे रही है कि .....सरकार टैक्स तो बढ़ा रही है, लेकिन हमें इसका क्या फायदा?" ये वर्ग चाहता है कि अब उसे कुछ राहत मिले।चुनावों में मुफ्त योजनाओं की बौछार हो रही है, लेकिन मिडिल क्लास को लग रहा है कि उनकी ओर ध्यान नहीं दिया जा रहा। मिडिल क्लास का सवाल है—"हमें क्या मिला?" इसी वजह , से सरकार को एक दिलचस्प कदम उठाना पड़ा। अब हर महीने GST और टैक्स कलेक्शन के आंकड़े नहीं बताए जाएंगे...जी हां . सरकार को यह फीडबैक मिला कि लोगों को यह लग रहा है कि सिर्फ टैक्स ही बढ़ रहा है, लेकिन किसी को इसका फायदा नहीं मिल रहा। इस कारण अब सरकार ने टैक्स आंकड़ों को कम प्रचारित करने का फैसला लिया
सरकार अच्छे से समझती है कि मिडिल क्लास को नाराज करके उसका भला तो नहीं होने वाला है .. क्योंकि यह वर्ग वह है, जो न सिर्फ चुनावों में निर्णायक भूमिका निभाता है, बल्कि अगर नाराज हो जाए तो राजनीतिक जमीन भी हिला सकता है। अन्ना आंदोलन हो या निर्भया आंदोलन—इन्हीं की आवाज़ ने सत्ता को हिला दिया था।यह वही वर्ग है जो तय करता है कि दिल्ली, मुंबई और अन्य बड़े शहरों की सीटों पर किसकी सरकार बनेगी। अगर यह नाराज हो गया, तो वोट बटोरना मुश्किल हो जाएगा ..ऐसे मे इस बार के बजट में क्या क्या हो सकता है चलिए वो भी बता देते हैं -
- खपत को बढ़ाने के लिए 15 लाख रुपये तक सालाना कमाने वाले लोगों के लिए टैक्स में कटौती करने पर विचार कर रही है सरकार
- अगर ऐसा होता है, तो इससे लाखों टैक्सपेयर्स को मिलेगी राहत
- करदाताओं के हाथों में अधिक डिस्पोजेबल आय प्रदान करने के लिए मूल छूट सीमा को कम से कम 50,000 रुपये तक बढ़ाया जा सकता है.
- टैक्स सिस्टम को और सिंपल करने पर विचार कर रही है सरकार
- इस बार के बजट में भी नौकरी और रोजगार के नए क्षेत्र विकसित करने पर सरकार ध्यान देगी सरकार
- इस बार के बजट में भी नौकरी और रोजगार के नए क्षेत्र विकसित करने पर सरकार ध्यान देगी
- बजट 2025 में सरकार कृषि योजनाओं के लिए अपना आवंटन बढ़ा सकती है
कुल मिलाकर देखा जाए तो आखिरकार, यह बजट सिर्फ एक आर्थिक दस्तावेज नहीं, बल्कि सरकार की साख का सवाल बन चुका है। मिडिल क्लास का गुस्सा अब अपनी चुप्पी नहीं साधेगा, और सरकार को यह देखना होगा कि क्या वह अपने "सामान्य नागरिकों" के लिए कुछ कर सकती है, ताकि उनकी उम्मीदों पर खरी उतर सके।अगर इस बार सरकार ने इन मुद्दों पर ध्यान नहीं दिया, तो यह बजट सिर्फ एक और दस्तावेज़ बनकर रह जाएगा। राजनीति की राह पर बड़ा असर छोड़ने के लिए, सरकार को इस वर्ग की नाराजगी का हल निकालना होगा....
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