संविधान गौरव अभियान कार्यशाला को प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने किया संबोधित
माननीय भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर भारतीय संविधान के शिल्पकार :- सुमित गोदारा
भाजपा जिला कार्यालय में संविधान गौरव अभियान कार्यशाला को प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने किया संबोधित
श्रीगंगानगर - भाजपा जिला कार्यालय में प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने अपने एक दिवसीय श्रीगंगानगर प्रवास कार्यक्रम के दौरान संविधान गौरव अभियान की कार्यशाला को संबोधित किया । इस अवसर पर कार्यशाला को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर, जिन्हें भारतीय संविधान के निर्माता के रूप में जाना जाता है, एक दूरदर्शी नेता, समाज सुधारक और विद्वान थे, जिनके योगदान ने आधुनिक भारत को आकार दिया। संविधान सभा की ड्राफ्टिंग समिति के अध्यक्ष के रूप में बाबासाहेब ने न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित लोकतांत्रिक ढांचे की नींव रखी। सामाजिक न्याय के दृढ़ समर्थक, भारत रत्न, बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने अपना जीवन, जाति आधारित भेदभाव को समाप्त करने और वंचित समुदायों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित कर दिया। उन्होंने कहा कि समावेशी विकास, सशक्तिकरण और प्रगति बाबासाहेब की विरासत है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने 1952 और 1954 के चुनावों में डॉ. बाबासाहेब अंबेडकर को हराने के लिए कम्युनिस्टों के साथ मिलकर रणनीति बनाई, यहां तक कि प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने खुद उनके खिलाफ चुनाव प्रचार किया था।श्री गोदारा ने कहा कि नेहरू सरकार में मंत्री रहते हुए भी डॉ. अंबेडकर को रक्षा और विदेश मामलों की प्रमुख समितियों से बाहर रखा गया। उनके ज्ञान और योगदान को पूरी तरह से नजरअंदाज किया गया था। काका कालेलकर आयोग ने पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण की सिफारिश की थी, लेकिन नेहरू सरकार ने इसे खारिज कर दिया था, जिससे साफ हो गया था कि सामाजिक असमानता को सुधारने में कांग्रेस की कोई मंशा नहीं थी। उन्होंने कहा कि जवाहरलाल नेहरू ने मुख्यमंत्रियों को लिखे एक पत्र में आरक्षण का विरोध किया और इसे प्रशासनिक अक्षमता का कारण बताया। नेहरु का ये रवैया हाशिए पर खड़े समुदायों के प्रति कांग्रेस की नफरत को उजागर करता है। इंदिरा गांधी ने मंडल आयोग की रिपोर्ट को लागू करने में जानबूझकर देरी की, जिससे अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) को लंबे समय तक आरक्षण का लाभ नहीं मिल सका। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर ने हिंदू कोड बिल का मसौदा तैयार किया था, जो महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए एक प्रगतिशील कानून था, लेकिन कांग्रेस ने इस बिल को पास नहीं किया, जिसकी वजह से डॉ. अंबेडकर ने 1951 में नेहरू कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया। भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने न्याय, समानता और सशक्तिकरण पर आधारित एक आदर्श राष्ट्र की परिकल्पना की थी। सुमित गोदारा ने अपने उद्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा ने उनके विचारों को अपनाते हुए सामाजिक और आर्थिक सुधारों की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं।भाजपा ने बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर के जीवन से जुड़े 5 महत्वपूर्ण स्थलों को पंचतीर्थ के रूप में विकसित किया है। इनमें जन्मभूमि (महू), शिक्षा भूमि (लंदन), दीक्षा भूमि (नागपुर), महापरिनिर्वाण भूमि (दिल्ली), और चैत्य भूमि (मुंबई) शामिल हैं। ये स्थल उनकी यादों और विचारों को संरक्षित करते हैं। प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र की स्थापना की, जो शोध और सामाजिक- आर्थिक बदलाव के लिए एक प्रमुख केंद्र के रूप में कार्य करता है। भाजपा समर्थित सरकार ने बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया।कार्यशाला को संबोधित करते हुए पूर्व जिलाध्यक्ष आत्माराम तरड़ ने कहा कि बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर ने कॉलेजों की स्थापना की और दलितों को उच्च शिक्षा प्राप्त करके जातीय भेदभाव से मुक्त होने के लिए प्रेरित किया था। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डॉ. अंबेडकर के सपने को साकार करने के लिए भाजपा आरक्षण, छात्रवृत्ति और अनुसूचित जाति के छात्रों के लिए राष्ट्रीय फेलोशिप जैसी पहलों के माध्यम से हाशिए पर पड़े समुदायों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रही है। तरड़ ने कहा कि भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने भारत की संप्रभुता की रक्षा करने और इसे वैश्विक मंच पर मजबूत स्थान दिलाने के लिए एक सुदृढ़ विदेश नीति की आवश्यकता पर भी जोर दिया था।बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने संस्कृत को भारत की आधिकारिक भाषा बनाने का प्रस्ताव दिया था, क्योंकि इसमें राष्ट्र के एकीकरण की क्षमता थी। भारत रत्न बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने कांग्रेस पार्टी की तुष्टिकरण की राजनीति की आलोचना की थी, इसके साथ ही जातिवाद और कांग्रेस की नीतियों के बीच करीबी संबंध को उजागर किया था। उन्होंने कहा कि बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर भाजपा सरकार के ऐतिहासिक निर्णय, अनुच्छेद 370 को समाप्त करने और जम्मू-कश्मीर के लिए संवैधानिक समानता सुनिश्चित करने पर जरूर गर्व महसूस करते। बाबासाहेब के आदर्शों पर चलते हुए भाजपा सरकार ने 2019 में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) पारित करके, वंचित समुदायों के संरक्षण एवं न्याय के लिए आजीवन संघर्षरत बाबासाहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के सपने को पूरा किया। इस अवसर पर खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग, उपभोक्ता विभाग एवं जिला प्रभारी मंत्री सुमित गोदारा, पूर्व जिला अध्यक्ष आत्माराम तरड़, जिला प्रमुख कविता रैगर, प्रदेश कार्यसमिति सदस्य महेंद्र सिंह सोढ़ी व जुगल डुमरा, सांसद पद प्रत्याशी श्रीमती प्रियंका बेलान, पूर्व जिला प्रमुख सीताराम मौर्य, महामंत्री प्रदीप, नरेंद्र सहू, जिला उपाध्यक्ष रतन गणेशगाढ़िया, जिला मीडिया प्रभारी श्रीचंद चौधरी, राजकुमार सोनी, शिव स्वामी, किसान मोर्चा जिलाध्यक्ष सतपाल कासनियां, जिला प्रवक्ता पवन शर्मा, कार्यक्रम सह संयोजक सुमित नागपाल, विक्रम राठौर, शिवभगवान मेघवाल अध्यक्ष एसी मोर्चा, कुलवीर कोर महिला मोर्चा, मन्नत अरोड़ा युवा मोर्चा, निशांत पारीक, मनोहर पवार, नगर मंडल पूर्वी क्षेत्र अध्यक्ष चंद्रशेखर गौड़,उग्रसेन भूकर, सुशील अरोड़ा,शिवप्रकाश जिला कार्यालय प्रभारी,सुनील वर्मा, सुरेंद्र गोदारा,बंटी मौर्य, चंद्रपाल, ओमप्रकाश,सभी मंडल अध्यक्ष, जिला पदाधिकारी, प्रतिनिधि उपस्थित रहे । मंच संचालन कार्यक्रम प्रभारी एडवोकेट संजीव सैनी जिला संयोजक विधि प्रकोष्ठ ने किया । राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ।
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