महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन, उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा जारी SOP को अक्षरश से पालन करने हेतु दिए आवश्यक दिशा-निर्देश

गोंडा : पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल के निर्देशन एवं नोडल अधिकारी अपर पुलिस अधीक्षक (पूर्वी) मनोज कुमार रावत के मार्गदर्शन में क्षेत्राधिकारी (सदर) शिल्पा वर्मा की अध्यक्षता में रिजर्व पुलिस लाईन के बहुउद्देशीय सभागार कक्ष में थाना A.H.T व SJPU की संयुक्त की मासिक समीक्षा बैठक एवं समन्वय बैठक एवं प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन हुआ।प्रशिक्षण कार्यशाला में किशोर न्याय बोर्ड से अनुपमा श्रीवास्तव, अभियोजन कार्यालय से APO रचना गुप्ता, जिला प्रोबेशन अधिकारी कार्यालय से जेपी यादव, श्रम परिवर्तन अधिकारी सत्येन्द्र प्रताप,वन स्टाप सेण्टर से रिचा तिवारी थाना एएचटी प्रभारी निरीक्षक लाल बिहारी व SJPU  प्रभारी निरीक्षक विजय कुमार पाण्डेय व जनपद के सभी थानों पर नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारी/कर्मचारी गण व अन्य विभागों के अधिकारीगण प्रतिभाग किये। कार्याशाला में पूर्व में जारी किए गए कार्यवृत्ति के अनुपालन के संबंध में चर्चा की गई। इसके साथ ही उपस्थित अन्य अधिकारीगण द्वारा महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन उत्तर प्रदेश लखनऊ द्वारा जारी अवैध एजेंटो के खिलाफ एवं मानव दूर्व्यापार के प्रकरणों में विधिक कार्रवाई किए जाने हेतु दिशा निर्देश/मानक संचालन प्रक्रिया SOP तथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा just rights for children alliance & others VS Harish and others (Criminal appeal No. 2161- 2162 of 2024) के अंतर्गत पारित निर्णय दिनांक 23 सितंबर 2024 के अनुसार न्यायिक प्रक्रिया में 'Child Poronography' के स्थान पर [Child Sexual Exploitation and Abuse Material (CSEAM) 'बाल यौन शोषण एवं दुर्व्यापार सामग्री' शब्द का उपयोग किया जाएगा, जिससे बच्चों की गरिमा व उनके सम्मान की रक्षा सुनिश्चित की जा सके। अनुसंधान एवं थानों पर नियुक्त बाल कल्याण पुलिस अधिकारी के समक्ष आ रही समस्या एवं सुझावों, पीड़ितों के अश्वासन, बाल गुमशुदा, बालश्रम, नशा मुक्त अभियान, बाल विवाह, बाल भिक्षावृत्ति की रोकथाम, लैंगिक समानता, नारी शक्ति किशोर न्याय अधिनियम 2015 मे हुए नवीनतम संशोधन पॉक्सो एक्ट के अभियोग पंजीकृत होने के 24 घंटे के अंदर सीडब्ल्यूसी को सूचित करना, पॉक्सो के मामले में फार्म ए व बी को पुलिस द्वारा भरकर संबंधित को समय से भेजा जाना, बाल कल्याण अधिकारी के कर्तव्य का पालन, जे.जे एक्ट के अंतर्गत सामाजिक पृष्ठभूमि, किशोर न्याय बोर्ड में पुलिस अधिकारियों रिमांड लेने हेतु सादे वस्त्रों में आना, जे.जे एक्ट की धारा 24 आदि तथा पॉक्सो एक्ट से संबंधित अभियुक्तों की माननीय उच्च न्यायालय से प्राप्त बेल नोटिस को बाल कल्याण समिति एवं वादी/पीड़िता को अंदर समय उपलब्ध कराने के संबंध में विस्तृत रूप से चर्चा की गई एवं जागरूकता अभियान चलाने हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए।

रिपोर्टर : राजेश कुमार जायसवाल 

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