व्यायाम शिक्षक की फर्जी नियुक्ति का आरोप,वेतन रोके जाने के साथ ही सख्त कार्यवाही की मांग
झांसी। प्रबन्ध संचालक व तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक पर सांठगांठ कर लाखों रूपये रिश्वत लेकर फर्जी तरीके से व्यायाम शिक्षक के पद पर सहायक अध्यापक की फर्जी पदोन्नती दर्शाकर नियुक्ति किये जाने के आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से कार्यवाही की मांग की गयी है।
संजीव कुमार चतुर्वेदी एड ने
जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में बताया कि एस०पी०आई० इण्टर कालेज में फर्जी रूप से कार्यरत एक व्यायाम शिक्षक द्वारा करीब 33 वर्षों से शासन प्रशासन को गुमराह कर नौकरी कर वेतन हासिल किया जा रहा है। बताया कि विधालय में तत्कालीन प्रबन्ध संचालक को नियुक्ति करने का अधिकार ही नहीं था। उक्त नियुक्ति के सम्बन्ध में शिकायत पर जांच में प्रधानाचार्य ने पूर्ण रूप से उक्त व्यायाम शिक्षक की नौकरी को बचाने का प्रयास किया है।शिकायत पर जिला विद्यालय निरीक्षक ने नियुक्ति सम्बन्धित जांच के बावत् प्रधानाचार्य से स्पष्ट आख्या मांगी गयी थी, किन्तु प्रधानाचार्य ने गोलमोल आख्या प्रस्तुत कर दी थी, जिसको जिला विद्यालय निरीक्षक ने 12 नवंबर 2024 को उक्त आख्या को सिरे से खारिज
कर दिया था,उसके बाद दूसरी आख्या भी भ्रामक, गलत व फर्जी एवं विरोधाभासी है ,किन्तु जिला विद्यालय निरीक्षक ने उक्त
प्रकरण को गम्भीरता से नहीं लिया और शिकायत निस्तारित कर दी। शिकायत कर्ता के अनुसार जुलाई 1991 में नियुक्ति के समय
एस०पी०आई० इण्टर कालेज झांसी में व्यायाम शिक्षक के मात्र दो ही पद सृजित थे.जिन पर नियमानुसार दो शिक्षकों की नियुक्ति थी, किन्तु प्रबन्ध संचालक व तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक ने लाखों रूपये की रिश्वत लेते हुए एक सहायक अध्यापक के स्थान पर उनके पद पर फर्जी तरीके से पदोन्नति दर्शाकर नियुक्ति कर दी। बताया कि तीसरा व्यायाम शिक्षक का पद कभी भी सृजित नहीं किया गया और न ही कभी शासन प्रशासन की तीसरे व्यायाम शिक्षक पद हेतु परमीशन ली गयी,अभी तक उक्त संस्था में व्यायाम शिक्षक के दो सृजित पदों पर ही नियुक्ति होती रही है। वर्तमान में भी दोनों सृजित व्यायाम शिक्षक पदों पर एक व्यायाम शिक्षक
कार्यरत हैं और दूसरा पद हाल ही में सेवानिवृत्ति पश्चात् रिक्त हुआ है। आरोप है कि फर्जी तरीके से तैनात शिक्षक की अच्छी खासी पकड़ है जिसके चलते निष्पक्ष कार्यवाही नहीं की जा रही है। शिकायतकर्ता ने फर्जी रूप से कार्यरत व्यायाम शिक्षक का वेतन रोके जाने के साथ ही निष्पक्ष जांच उपरांत दोषी पाये जाने पर सख्त से सख्त कड़ी कानूनी कार्यवाही किए जाने की मांग की है।
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