अहंकार रूपी धनुष को तोड़ने से शक्ति मिलेगी तभी शांति रूपी सीता मिलेगी -कथा व्यास लाटा
झांसी। श्री पठलेश्वर मंदिर नगरा में श्री राम राजा सरकार सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित श्री राम कथा के पांचवें दिन की कथा का बखान करते हुए कोलकाता से पधारे कथा व्यास शंभू शरण लाटा ने श्री सीताराम के विवाह प्रसंग की गूढताओं को बारीकी से प्रस्तुत कर श्रोताओं को भक्ति का संदेश दिया। श्रोताओं ने संगीतमय राम कथा का मंत्रमुग्ध होकर आनंद लिया।
पूर्व में मुख्य यजमान श्रीमती ममता सत्य प्रकाश शर्मा द्वारा विधि विधान से पूजन अर्चन कर एवं महाआरती कर कथा का शुभारंभ किया गया। कथा का शुभारंभ करते हुए कथा व्यास शंभू शरण लाटा ने श्री सीताराम विवाह को प्रभु की लीला बताते हुए कहा कि श्री राम विवाह प्रभु की सभी योजनाओं का शुभारंभ है ।श्री सीता जी शांति है, भक्ति है; भक्ति के लिए शांति जरूरी है। जीवन में जब शांति आती है तो समाज के लोग विरोध करते हैं, पहले कष्ट आएगा बाद में भक्ति का रस देखने मिलता है। अहंकार के धनुष को तोड़ने से शक्ति मिलेगी तभी शांति रूपी सीता मिलेगी, तब लोग विरोध करेंगे उसे भी सहना सच्ची शांति होगी। भारत सरकार सभी लोगों को तनख्वाह नहीं देती उनसे ज्यादा तुलसीदास की रामचरितमानस रोजगार देती है। परशुराम जी के कठोर वचनों को श्री राम ने भी मीठे वचनों से शांत कर दिया। बड़े अनुचित भी कहें तो सहन करो, वही ज्ञानी है; क्रोध में बोध नहीं रहता। क्षमा मांगने वाला छोटा नहीं होता, अकड़ में रहने वाला नष्ट हो जाता है। उन्होंने कहा आज वंश व्यवहार खत्म हो रहा है धर्म के नाम पर नाटक हो रहा है। शक्ति और भक्ति का समन्वय रखोगे तो निश्चिंत हो जाओगे। उन्होंने श्री सीताराम विवाह की रस्मों का सुंदर मनोहारी चित्रण प्रस्तुत कर श्रोताओं को नाचने को मजबूर कर दिया। कथा के छठवें दिन शनिवार को वनवास एवं केवट संवाद का श्रवण कराया जाएगा। इस अवसर पर रामबाबू शर्मा, चंद्र प्रकाश शर्मा, हरिकृष्ण चतुर्वेदी,प्रमोद गुप्ता, सुनील गुप्ता, उमेश द्विवेदी, अतुल दुबे, अभिषेक चतुर्वेदी, अंकुर कोष्टा, बलवंत साहू आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्टर अंकित साहू
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