शिक्षा, विज्ञान और संस्कार का समन्वय होने पर ही तरक्की संभव- कुलपति
झांसी। विश्व मानव संघ द्वारा संचालित स्व. पं0 कामता प्रसाद बबेले द्वारा स्थापित ज्ञानाश्रम सरस्वती शक्ति-पीठ के तत्वावधान में बसंत पंचमी महोत्सव, सरस्वती प्राकट्योत्सव एवं निराला जयन्ती के अवसर पर राजकीय संग्रहालय में कार्यक्रम का आयोजन डा. अशोक कुमार सिंह कुलपति, रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय के मुख्य आतिथ्य एवं डा. रवीन्द्र शुक्ल पूर्व राज्यमंत्री की अध्यक्षता में किया गया। अखण्ड प्रताप विभाग प्रचारक राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ, डा. बाबूलाल तिवारी शिक्षक विधायक, जयदेव पुरोहित चैयरमैन कोपरेटिव बैंक, प्रेमप्रकाश शर्मा एडीआरएम,हरगोविन्द कुशवाहा दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री के विशेष आतिथ्य में
शुभारम्भ पं. प्रमोद तिवारी , पं. बृजेन्द्र पटैरिया के मंत्रोच्चारण व श्रंखलाबद्ध शंख/ध्वनि के साथ मंचासीन अतिथिगणों द्वारा सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्वलित कर स्व श्री बबेले के चित्र पर माल्यार्पण कर किया गया।
शास्त्रीय कार्यक्रम की शुरूआत प्रभु श्री रामलाल संगीत महाविद्यालय की छात्र-छात्राऐं कु. सलोनी झां, कु. भावना प्रजापति, सिद्धार्थ नारायण, निशान्त साहू, कार्तिक झां, दिव्याशी गोधान्कर, सारिका डैग्वेकर, अथर्व तिवारी, अनुराग तिवारी, अंकुर तिवारी, लक्ष्य सोनी द्वारा स्वागत गीत, सरस्वती वंदना एवं बंसत गीत की प्रस्तुति की गई।
समारोह में अतिथियों को शाॅल, प्रशस्ति पत्र, स्मृति चिन्ह एवं श्रीफल, गीता, कलम आदि प्रदान कर उनको समाज में उत्कृष्ट योगदान के लिये सम्मानित किया गया । उक्त मंगलोत्सव पर संस्था के प्रबन्धक/महामंत्री एड. मदन लाल बबेले ने कहा कि यह त्यौहार हमें याद दिलाता है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिये हमें ज्ञान, कला और प्रकृति के साथ सामंजस्य बनाकर चलना चाहिये, बसंत पंचमी हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।
मुख्य अतिथि डा. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षा, विज्ञान और संस्कार का जब समन्वय होगा तब हम खूब तरक्की करेंगे, समाज की स्वच्छता स्वयं से होगी एवं विद्या है तो सब कुछ है।
शिक्षक विधायक डा. बाबूलाल तिवारी ने कहा कि बुन्देलखण्ड मां सरस्वती की सभी विधाओं का गढ़ है भारत का इतिहास बुन्देलखण्ड की चर्चा किये बिना अपूर्ण रहेगा। अखण्ड प्रताप विभाग प्रचारक ने सामाजिक समानता पर बल देते हुये कहा कि कुटुम्ब परिबोधन की अपने घर से शुरूआत करनी चाहिये। जल का संरक्षण करना एवं वृक्ष लगाना व उनका संरक्षण आवश्यक है एवं हमें नागरिक कर्तव्यों का पालन करना चाहिये।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे पूर्व मंत्री डा. रवीन्द्र शुक्ल ने कहा कि मैं की पद्यति से निकलना पड़ेगा और मैं से निकलकर हम पर आना पड़ेगा व अगर भारत को विश्वगुरू बनाना है तो तन, मन, बुद्धि सही करना पड़ेगी।
स्वागताध्यक्ष अतिशय प्रवीण जैन ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का मंच से शब्दों के माध्यम से स्वागत किया।
उक्त समारोह में राजीव त्रिपाठी, अजय यादव, संजीव त्रिपाठी, दिनेश भार्गव, बाला प्रसाद पटेल, दिनेश वर्मा, लाखन सिंह यादव, बासुदेव पोखरेल, दिनेश पाठक, पंकज सक्सेना, गोविन्द शरण वर्मा, रवीन्द्र जैन, विनोद साहू, राजेन्द्र शुक्ला, हेमन्त विश्वकर्मा, हृदेश बबेले, देव बबेले, ऋषि बबेले, उदय राजपूत एड., प्रमोद शिवहरे एड., रामचन्द्र दीक्षित एड., राघवेन्द्र कनकने, उदित टण्डन, पवन बाजपेयी एड., राजेश सैनी एड., श्रीमती वंशिका महाजन, साकेत गुप्ता एड., अशोक कुशवाहा एड., बलवान सिंह एड., श्रीमती इन्दु बाजपेयी एड., सुश्री हर्षिना उदय एड., वशिष्ट उपा/याय, रोहित यादव एड., अमित सैनी, डा. जिनेन्द्र जैन, डा. आदित्य साहू, बी.के. मिश्रा एड., पुरूषोत्तम नायक एड., पंकज पाराशर अ/यक्ष तहसील बार झांॅसी, श्याम सुन्दर श्रीवास्तव, मुकेश अग्रवाल, सी.पी. भार्गव, विनोद साहू, डा. नीति शास्त्री, श्रीमती दीपशिखा शर्मा, शाजिया खान, प्रखर ठाकुर, अंकित ठाकुर, गीता बौद्ध एड., अकिन चन्द्र भार्गव, अजय शंकर तिवारी, अभय जी, अमन जी, कल्प शर्मा, रौशल कुशवाहा, पूरन सिंह राजपूत एड. आदि उपस्थित रहे। आभार एवं कार्यक्रम का सफल संचालन संस्था के प्रबन्धक मदन लाल बबेले एडवोकेट द्वारा किया गया।
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