जैव ऊर्जा के क्षेत्र में प्रदेश के बढ़े कदम,जिले में इकाई स्थापित करने के लिए मिलेगा अनुदान
झांसी: जिलाधिकारी अविनाश कुमार की अध्यक्षता में विकास भवन सभागार में उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति- 2022 के क्रियान्वयन के संबंध में बैठक आयोजन हुआ।
जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने उत्तर प्रदेश राज्य जैव उर्जा नीति-2022 जानकारी देते हुए बताया की जैव ऊर्जा नीति से आत्मनिर्भरता आएगी वहीं हमारा वातावरण भी स्वच्छ रहेगा। इसके अतिरिक्त किसानों को अब पराली से आमदनी होगी, उनके जीवन स्तर में सुधार आएगा। उन्होंने जैव ऊर्जा नीति से होने वाले लाभ के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा सितम्बर 2022 उत्तर प्रदेश राज्य जैव ऊर्जा नीति-2022 को लागू किया गया जैव ऊर्जा नीति। के अंतर्गत कृषि पशुधन निकायों के ठोस अपशिष्ट जैसे जैव अवशेष का उपयोग करके कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट बायोकोल,बायोडीजल बायोएथेनॉल की इकाई की स्थापना के लिए क्षेत्र में निवेशकों को आकर्षित करने के लिए सरकार द्वारा अनुदान एवं प्रोत्साहन भी दिया जाएगा।
उत्तर प्रदेश सरकार जैव नीति- 2022 के अंतर्गत अब कृषि व पशुधन अपशिष्ट के माध्यम से ऊर्जा का उत्पादन का विशेष योगदान है। वहीं ठोस अपशिष्ट के साथ जैव अपशिष्ट का उपयोग करके बायोगैस प्लांट, बायोकोल ,बायोडीजल, बायो एथेनॉल इकाइयों की स्थापना का काम भी शुरू हो चुका है। प्रदेश की उर्जा जरूरतों को पूरा करने के लिए इस जैव ऊर्जा नीति का विशेष योगदान होगा. इससे एक तरफ तो कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी, तो दूसरी ओर प्रदेश में नीति लागू होने से किसानों की आय बढ़ेगी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था सुदृढ़ होगी और इसके साथ रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में जैव ऊर्जा के क्षेत्र में निवेश को आकर्षित करने के लिए सरकार ने निवेशकों को अनुदान एवं प्रोत्साहन देने का फैसला किया है. कंप्रेस्ड बायोगैस उत्पादन संयंत्र के लिए ₹75 लाख प्रति टन की दर से, बायोकोल उत्पादन संयंत्रों के लिए ₹75000 प्रति टन की दर से और बायोडीजल उत्पादन संयंत्रों के लिए ₹03 लाख प्रति किलो लीटर की दर से, ₹20 करोड़ का अनुदान दिया जा रहा है।वहीं सभी स्थापित संयंत्रों को वाणिज्यिक उत्पादन प्रारंभ होने की तिथि से 10 वर्ष तक विद्युत शुल्क में 100% की छूट भी प्रदान की जाएगी।भूमि अधिग्रहण पर निर्धारित इस टाइम ड्यूटी में शत प्रतिशत छूट दी जाएगी,इसी प्रकार bio-energy संयंत्रों की स्थापना के लिए ग्राम सभा की भूमि एक रुपए प्रति एकड़ प्रतिवर्ष की दर से 30 अवधि के लिए पट्टे पर उपलब्ध कराई जाएगी, शहरी ठोस अपशिष्ट आधारित जैव ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना के लिए शहरी विकास विभाग की नीतियों के अनुसार भूमि उपलब्ध कराई जाएगी।नीतियों के संचालन के लिए यूपीनेडा को नोडल एजेंसी नामित किया गया है। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी ने कहा कि प्रदेश/जनपद स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा के क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ाने को तैयार है। वहीं कार्बन उत्सर्जन में कमी लाने हेतु प्रदेश सरकार ने गैर पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों से विद्युत उत्पादन को बढ़ावा दिया जा रहा है। जनपद में अब तक 10 आवेदन प्राप्त किए गए जिस पर विस्तृत चर्चा करते हुए जिलाधिकारी ने अग्रतर कार्रवाई हेतु संबंधित अधिकारियों को निर्देशित किया।
उ0प्र0 राज्य जैव ऊर्जा नीति- 2022 के तहत जनपद में बलभा इण्स्ट्रीज प्रा0लि0 ग्राम खजराहा, विकासखण्ड बंगरा में फसल अवशेष यथा- मूंगफली, उर्द, मूंग अन्य फसलों के अवशेष के अलावा जंगली बबूल, अन्य अनुपजाऊ / सूखे पेडों के अवशेष / खरपतवार आदि के द्वारा बायोमास /ब्रिकेट्स का निमार्ण किया जा रहा है, जिसमें लगभग 100 टन का प्रति दिन उत्पादन हो रहा है, जो कि एन0टी0पी0सी0 / अन्य प्राइवेट कम्पनियों को बेचा जा रहा है अतिरिक्त आदित्य शर्मा वैद्यनाथ ग्रुप के द्वारा विकासखण्ड चिरगॉव के ग्राम लुहरगॉव घाट के समीप में 17 एकड के फार्म पर एफ0पी0ओ0 के 200 सदस्यों कृषकों द्वारा नैपियर धास का उत्पादन कर बायोगैस / सी0बी0जी0 का प्लाण्ट तैयार किये जाने का कार्य प्रस्तावित है पर विस्तृत चर्चा की गई।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, उप कृषि निदेशक एम पी सिंह, पीओ नेडा वीरेन्द्र कुमार जैन, अधिशासी अभियंता विद्युत रमाकांत दीक्षित सहित एफपीओ तथा किसान उपस्थित रहे।
रिपोर्टर अंकित साहू
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