सामुदायिक अस्पताल में मरीजों से छल! निजी अस्पतालों से सांठगांठ का आरोप

चौपारण : सामुदायिक अस्पताल में मरीजों को सरकारी सेवाओं से वंचित कर निजी अस्पतालों की ओर भेजने का मामला सामने आया है। आरोप है कि कुछ अस्पताल कर्मी निजी नर्सिंग होम से मिलीभगत कर सरकारी अस्पताल में आने वाले मरीजों को जानबूझकर वहां रेफर कर रहे हैं। इसके बदले उन्हें कमीशन मिलता है, जिससे सरकारी सेवाएं प्रभावित हो रही हैं और गरीब मरीजों को आर्थिक बोझ झेलना पड़ रहा है।

प्रसव पीड़ा से जूझती महिला को भेजा निजी अस्पताल
बीती रात एक गर्भवती महिला को प्रसव पीड़ा होने पर उसके परिजन बड़े विश्वास के साथ सरकारी अस्पताल पहुंचे। लेकिन उन्हें बहला-फुसलाकर और डराकर एक निजी नर्सिंग होम भेज दिया गया, जहां इलाज के नाम पर उनसे मोटी रकम वसूली गई।

बड़ा सवाल – जब सरकारी अस्पताल है, तो रेफर क्यों?
स्थानीय लोगों का कहना है कि जब सरकार ने बड़े-बड़े अस्पताल बनाए हैं, तो फिर जरूरतमंद मरीजों को वहां पूरा इलाज क्यों नहीं मिल रहा?

मरीज द्वारा नाम ना बताने के लिए बोला गया , मरीज ने बोला कि कुछ। एएनएम रुपया के लालच में अस्पताल से मरीजों को हटा कर निजी अस्पताल में भर्ती करवा देते है,उस एएनएम के कुछ रुपया लालच के चलते पूरा सरकारी डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी बदनाम हो रहे है  

जांच की मांग
इस पूरे मामले को लेकर जनता में आक्रोश है। स्थानीय लोगों और पीड़ितों ने अस्पताल प्रबंधन से इस सांठगांठ की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, ताकि सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ जरूरतमंदों तक पहुंचे और गरीबों को बिना वजह आर्थिक नुकसान न उठाना पड़े।

प्रशासन क्या करेगा?
अब देखना यह होगा कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन इस पर क्या कार्रवाई करता है। अगर समय रहते इस गड़बड़ी को नहीं रोका गया, तो सरकारी स्वास्थ्य व्यवस्था पर लोगों का भरोसा उठ सकता है।

रिपोर्टर : मुकेश सिंह

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