क्या चुनाव नहीं लड़ पाएँगे अरविन्द केजरीवाल ?
कथित शराब घोटाला मामले में अब ईडी को गृह मंत्रालय से हरी झंडी मिल गई है…दिल्ली चुनाव से पहले अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की मुश्किलें बढ़ गईं हैं… दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में गृह मंत्रालय ने ईडी को अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की इजाजत दे दी है…
दिल्ली विधानसभा चुनाव के बीच शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) और पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग में कथित संलिप्तता के लिए अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलाने के लिए मंजूरी दी है।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने पिछले महीने एजेंसी को केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी थी। सीबीआई को अगस्त 2024 में आबकारी नीति से संबंधित समानांतर भ्रष्टाचार मामले में केजरीवाल के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की मंजूरी मिली थी।
ईडी ने जमानत पर बाहर चल रहे केजरीवाल को 21 मार्च, 2024 को पीएमएलए के तहत गिरफ्तार किया और 17 मई को चार्जशीट में उनका नाम दर्ज किया था।
चार्जशीट में दावा किया गया कि कुछ शराब व्यापारियों को लाभ पहुंचाने के लिए कथित तौर पर ली गई 100 करोड़ रुपये की रिश्वत में से 45 करोड़ रुपये आम आदमी पार्टी (आप) के गोवा चुनाव अभियान के लिए इस्तेमाल किए गए।
ईडी के मुताबिक, आप के राष्ट्रीय संयोजक और पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य के रूप में इस्तेमाल और जुटाए जा रहे पैसे के लिए केजरीवाल ही जिम्मेदार थे। ईडी ने गवाहों के बयानों का हवाला देते हुए कहा कि केजरीवाल भी संस्थापक सदस्यों में से एक थे और शराब नीति के संबंध में निर्णय लेने में शामिल थे
ईडी ने केजरीवाल को आबकारी नीति से संबंधित घोटाले का “सरगना” कहा था। ईडी ने कहा था कि केजरीवाल, पूर्व डिप्टी मनीष सिसोदिया और पूर्व AAP मीडिया प्रभारी विजय नायर ने अपने चुनावी फंडिंग के लिए ₹100 करोड़ की रिश्वत के अलावा “अतिरिक्त” पैसे मांगे थे। हालांकि अरविंद केजरीवाल ने अपने खिलाफ सभी आरोपों से इनकार किया है।
गौरतलब हो कि राजधानी दिल्ली में 5 फरवरी को विधानसभा चुनाव होने हैं और 8 फरवरी को वोटिंग के परिणाम आने हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एमएचए ने ईडी को मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (PMLA) के तहत दिल्ली की स्पेशल कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ आरोप तय करने पर रोक लगाई थी। उसके बाद केजरीवाल ने हाईकोर्ट का रुख किया था जहां उन्होंने कहा था कि पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने के लिए जरूरी मंजूरी के बिना ही ट्रायल कोर्ट ने चार्जशीट पर संज्ञान लिया है।
इसके पहले नवंबर के आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि प्रवर्तन निदेशालय को PMLA के तहत केजरीवाल पर केस दर्ज करवाने और मुकदमा चलवाने के लिए विशेष तौर पर मंजूरी लेनी होगी। 6 नवंबर को हाईकोर्ट में हुई सुनवाई के सामने अरविंद केजरीवाल ने सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का हवाला देते कहा था कि सीबीआई को मिली मंजूरी, ईडी के लिए उनके खिलाफ मुकदमा चलाने की हरी झंडी नहीं हो सकती है। इस मामले पर केजरीवाल ने कहा था कि एजेंसी को पीएमएलए के तहत मुकदमा चलाने के लिए अलग से इजाजत लेनी होगी। इसके बाद ही प्रवर्तन निदेशालय ने गृह मंत्रालय से इजाजत मांगी थी।
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