ग्राम रोजगार सेवकों ने पंचायती राजमंत्री को 10 सूत्रीय मांग का सौंपा ज्ञापन
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लखीमपुर खीरी : निघासन के जिला पंचायत इंटर कॉलेज के मैदान में पहुंचे उत्तर प्रदेश के पंचायती राजमंत्री ओपी राजभर को ग्राम रोजगार सेवक संघ के जिला अध्यक्ष/प्रदेश उपाध्यक्ष शिव शंकर सहित तमाम पदाधिकारियों ने सूबे के मुख्यमंत्री को संबोधित 10 सूत्रीय मांगपत्र सौंप कर कार्यवाही के लिए ज्ञापन दिया। रोजगार सेवकों ने ज्ञापन में बताया कि विगत 04 अक्टूबर, 2021 को मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणाओं पर शासन स्तर पर उचित निर्णय नहीं लिया गया है, जबकि संगठन द्वारा कई बार पत्राचार व वार्ता के माध्यम से विभिन्न स्तरों पर अवगत कराया गया। वर्तमान समय में मानदेय 7788 रू0 प्रतिमाह मिल रहा है परन्तु 2218 रू० विगत 10 माह बाद भी EPF के UAN के खाते में जमा नहीं किया गया है, जिससे किसी भी मनरेगा कर्मी की मृत्यु पर उसके आश्रित को कोई लाभ नहीं मिल पाता है। अतः मृतक आश्रित को उसी पद पर समायोजन भी कराया जाये। ग्राम रोजगार सेवकों से मूल ग्राम पंचायतों के साथ-साथ रिक्त ग्राम पंचायतों में भी कार्य लिया जाये जिस सम्बन्ध में 31 मई, 2022 को पत्रांक सं0-1086 के अन्तर्गत आयुक्त महोदय द्वारा शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है। मानव संसाधन नीति (HR Policy) के सम्बन्ध में 31 मई, 2022 को पत्रांक सं0-1087 के अन्तर्गत विभाग द्वारा शासन को प्रस्ताव प्रेषित किया जा चुका है। ग्राम रोजगार सेवकों पर फर्जी कार्यवाही न हो जिस सम्बन्ध में पत्रांक सं०-1085 के माध्यम से आयुक्त महोदय द्वारा पत्र शासन को प्रेषित किया गया है। जॉब चार्ट में अन्य कार्य जोड़ने के सम्बन्ध में 18 नवम्बर, 2021 को व उसके उपरान्त कई बार रिमान्डर भी विभाग द्वारा शासन को भेजा गया है, जिसके अन्तर्गत 04 विभागों के कार्य जोड़ने थे परन्तु सिर्फ प्रधानमंत्री आवास व मुख्यमंत्री आवास की जियो टैगिंग के कार्य ही जोड़े गये हैं। अन्य कार्यों को भी जॉबचार्ट में जोड़ा जाये व बकाया मानदेय दिया जाये। राज्य कर्मचारी का दर्जा ग्राम रोजगार सेवकों को दिया जाये।
रोजगार सेवकों ने अपने मांगपत्र में कहा कि
1. दिनांक 04 अक्टूबर, 2021 को डिफेंस एक्सपो के मैदान में आयोजित सम्मेलन में मा० मुख्यमंत्री जी द्वारा ग्राम रोजगार सेवकों व मनरेगा कार्मियों के सम्बन्ध में की गयी घोषणाओं पर आदेश निर्गत कराये जाय।
2. ग्राम पंचायतों में मनरेगा योजना में श्रमिकों के भुगतान हेतु डोंगल हस्ताक्षरकर्ता के रूप में ग्राम रोजगार सेवकों को दिया जाय। जिससे श्रमिकों का भुगतान साप्ताहिक किया जा सके।
3. पंचायत भवन / ग्राम सचिवालयों में ग्राम रोजगार सेवकों को अभिलेख रखरखाव के लिए अलमारी कुर्सी की व्यवस्था कराई जाय।
4. ग्राम रोजगार सेवकों से मूल ग्राम पंचायत के साथ-साथ रिक्त ग्राम पंचायतों में भी कार्य लिया जाय।
5. राज्य वित्त, केन्द्रीय वित्त एवं अन्य निधियों में श्रमिकों की मजदूरी का भुगतान मनरेगा से किया जाय। इस सम्बन्ध में भारत सरकार द्वारा अभिसरण हेतु 12. 04.2016 व 16 मई, 2017 को शासनादेश भी जारी किया गया है।
6. ई०पी०एफ० कटौती की धनराशि कर्मचारियों के यू०ए०एन० खाते में भेजी जाए।
7. अनुमोदन से विरक्त ग्राम रोजगार सेवकों का अनुमोदन करवाते हुए ग्राम पंचायतों में योगदान दिया जाए।
8. ग्राम रोजगार सेवकों को नियमित करते हुए राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाय।
9. प्रत्येक माह प्रदेश स्तर / जनपद स्तर पर समस्याओं के निस्तारण हेतु बैठक की तिथि निर्धारित किया जाय।
10. कोविड के अतिरिक्त आकस्मिक/दुर्घटना से मृत्यु होने पर उसके आश्रित को सेवा में समायोजित किया जाय, इस सम्बन्ध में उ0प्र0 शासन द्वारा 18 मार्च 2024 को शासनादेश जारी कर आयुक्त ग्राम विकास विभाग उ०प्र० को निर्देशित किया गया है।
इस मौके पर रोजगार सेवक संघ के जिलाध्यक्ष सहित जिला महामंत्री लक्ष्मीकांत बाजपेई, सचित अवधेश कुमार, उपाध्यक्ष संजय कुमार, ऑडिटर आशीष कुमार, मीडिया प्रभारी जफर अली, अमर प्रकाश, तिलकराम, जसवंत कुमार, कैलाश कुमार सहित सभी जनपद के ग्राम रोजगार सेवक मौजूद रहे।
रिपोर्टर : सतीश कुमार गुप्ता
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