बूथ में है दम तो जीत की गारंटी पक्की!
चुनाव का अंतिम पायदान बूथ होता है। वहीं से मतदाता अपने प्रत्याशी का चयन करता है। आमतौर पर पहले चुनाव की धारणा बड़े नेता, बड़ी रैली और प्रत्याशी का चेहरा हुआ करता था। लेकिन अब यह बीते जमाने की बात हो गई है..इन सब के साथ, अगर बूथ को मजबूत नहीं किया गया तो फिर जीत उतनी ही कमजोर हो सकती है!!
भारतीय जनता पार्टी ने बूथ को मजबूत करने का एक नया चलन शुरू किया और लगातार जीत के पायदान पर चलती रही,शायद यही कारण रहा कि उत्तर प्रदेश में विपक्ष की दूसरी पार्टियों ने भी बूथ पर जोर देना शुरू किया और लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व के आम चुनाव में बूथ की हनक, बूथ की धमक और बूथ की ताकत को लेकर अब कोई सवाल नहीं उठाता, क्योंकि जिसका बूथ मजबूत है उसकी जीत पक्की है।
आज हम आपको बताते हैं चुनाव में बहुत सारे कारण और कारक होते हैं और सबसे बड़ा कारण होता है किसी भी सीट का गणित। वहां पर जनसंख्या में जाति, यह सब वह गणित है जो जीत को सुनिश्चित करते हैं। लेकिन सारे गणित चुनाव के लिए सटीक होते हुए भी फेल हो जाते हैं...जब बूथ कमजोर हो ,जीत मजबूत हो तो इस पर बड़े सवाल खड़े हो जाते हैं...अगर बूथ लेवल पर काम नहीं किया जाता है। और यही वजह है कि डिजिटल युग की दुनिया में डिजिटल युग का चुनाव तो शुरू हो चुका है पर बूथ पर काम और भी मजबूत और भी गंभीरता से शुरू हो चुका है..हम आपको कुछ चुनावी आंकड़े दिखा रहे हैं। इन्हें आप देखिए तो आपको एक चुनाव का आंकड़ा पता लगेगा....
- निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश में 23 जनवरी तक लगभग 15.29 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं...
- इनमें 8.14 करोड़ पुरुष मतदाता, 7.15 करोड़ महिला मतदाता और 7,705 ट्रांसजेंडर मतदाता शामिल हैं.
- पहली बार वोट डालने जा रहे (18-19 आयु वर्ग) मतदाताओं की संख्या लगभग 20.41 लाख है..…
यूपी में कुल मतदान केन्द्र - लगभग 1 लाख 75 हजार है
ग्रामीण बूथ -1,23,053
शहरी बूथ - 38,959
- उत्तर प्रदेश में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं
- इनमें 63 सीटें अनारक्षित हैं जबकि 17 सीटें एससी उम्मीदवारों के लिए आरक्षित हैं...
- राज्य में वाराणसी, रायबरेली, लखनऊ, अमेठी वीआईपी सीटें हैं....
बात करें लोकसभा 2024 के चुनाव की तो,
उत्तर प्रदेश में 7 चरणों में चुनाव होगा...
- पहला चरण 19 अप्रैल को, पहले चरण में 8 सीटों पर मतदान होगा...जहां सहारनपुर, कैराना, मुजफ्फरनगर, बिजनौर ,नगीना, रामपुर ,मुरादाबाद, पीलीभीत में वोटिंग होगी...
- दूसरे चरण में अमरोहा, मेरठ, बागपत ,गाजियाबाद ,नोएडा, बुलंदशहर ,अलीगढ़, मथुरा में 26 अप्रैल को मतदान होगा...
- तीसरे चरण में संभल, हाथरस, आगरा, फतेहपुर सीकरी, फिरोजाबाद, मैनपुरी, एटा ,बदायूं, अवला ,बरेली में 7 मई को मतदान होगा...
- चौथे चरण में शाहजहांपुर, खीरी, धवरारा, सीतापुर, हरदोई ,मिश्रिख ,उन्नाव फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, कानपुर ,अकबरपुर ,बहराइच में 13 मई को मतदान होगा...
- पांचवें चरण में मोहनलालगंज, लखनऊ, रायबरेली, अमेठी, जालौन ,झांसी ,हमीरपुर, बांदा, फतेहपुर ,कौशांबी ,बाराबंकी, फैजाबाद ,कैसरगंज ,गोंडा में 20 मई को मतदान होगा...
- छठे चरण में सुल्तानपुर, प्रतापगढ़, फूलपुर ,इलाहाबाद, अंबेडकर नगर ,श्रावस्ती, डुमरियागंज ,बस्ती ,संत कबीर नगर ,लालगंज ,आजमगढ़, जौनपुर, मछली शहर ,भदोही में 25 मई को मतदान होगा...
- सातवें चरण में महराजगंज, गोरखपुर ,कुशीनगर, देवरिया, बांसगांव ,घोड़ी ,सलेमपुर ,बलिया गाजीपुर ,चंदौली ,वाराणसी मिर्जापुर , राबर्ट गंज में 1 जून को मतदान होगा...
4 जून को आएंगे लोकसभा चुनाव के परिणाम...
कांग्रेस ने भी बूथ को लेकर कमेटी बनाई है। समाजवादी पार्टी ने भी वोट को लेकर उसे खास दर्जा दिया है। बूथ के प्रभारी की लखनऊ में बैठक हुई और बूथ के महत्व को समझा। बीएसपी ने भी बूथ पर विशेष ध्यान देना शुरू किया और भारतीय जनता पार्टी के नारे ही अपने आप में बहुत है। एक बूथ 10 यूथ, युवाओं को खींचने के लिए तो, महिलाओं को खींचने के लिए शक्ति बूथ और सभी जातियों के समन्वय के लिए कमेटी में विशेष ध्यान रखा, आईटी सेल को भी बूथ से जोड़कर रखा, उसका ना सिर्फ डेटाबेस बल्कि उसके साथ समीक्षा भी की, फिर वह लाभार्थी वर्ग हो, लखपति दीदी हो, उज्ज्वला योजना हो ,प्रधानमंत्री आवास हो या फिर अब प्रधानमंत्री ने जो आवाहन किया है कि हर बूथ पर 370 वोट पिछली बार से ज्यादा पड़ेंगे।
इन सब बातों के बाद बूथ का मजबूत होना कितना महत्वपूर्ण है, चुनावी प्रणाली कितना भी आधुनिक हो जाए ,कितनी भी डिजिटल हो जाए अगर बूथ पर मतदाता नहीं पहुंचता है, पोलिंग परसेंटेज कम रहता है तो उससे पार्टी को जरूर नुकसान पहुंचता है..जिसने बूथ पर काम नहीं किया है तो जीत बूथ को मजबूत करने वाली पार्टी के साथ चली जाती है। ये है बूथ के मजबूत होने का फायदा...
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