महाराष्ट्र के सर्वे ने बढ़ा दी भाजपा की धड़कन

हमारा देश विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहाँ समय समय पर अलग अलग राज्यों में चुनाव होते रहते हैं। कुल मिलकर कहें तो यहाँ सियासत और व्यवस्था दोनों साथ चलती रही हैं। और अगर हम साल 2024 की बात करें तो इस साल सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव संपन्न हुआ जहाँ भाजपा गठबंधन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अगुआई में तीसरी बार केंद्र में सरकार बना ली यानि हैट्रिक मार दी और इतिहास में 3 बार लगातार सत्ता की सबसे ऊँची कुर्सी पर रहने वाले पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बराबरी कर ली।  और अब हम बात करेने इस साल के अन्य 4 विधानसभा चुनाव पर जो जम्मू कश्मीर, हरियाणा, झारखंड और महाराष्ट्र में होने थे। जिसमे से हरियाणा और जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके हैं जहाँ हरियाणा में भाजपा ने हैट्रिक मारकर सबको चौका दिया  तो वहीं जम्मू कश्मीर में भले ही सरकार नहीं बना पाए पर जनता ने भाजपा को मुख्य विपक्ष की भूमिका दे दी है। जो कभी भी बदल सकती है।

अब हम बात करेंगे महाराष्ट्र और झारखण्ड विधानसभा चुनाव की जहाँ पर भाजपा की अग्नि परीक्षा होने वाली है क्योंकि जहाँ एक तरफ महाराष्ट्र में भाजपा महायुति गठबंधन के रूप में सत्ता में है तो वहीं झारखण्ड में भाजपा अपनी पुरानी लय पाते हुए सत्ता की कुर्सी पर जरूर पहुँचने का प्रयास करेगी 


तो चलिए खुलकर बात करते हैं पहले झारखण्ड विधानससभा चुनाव की जहाँ 13 नवंबर और 20 नवंबर यानि दो चरणों में मतदान होंगे। और परिणाम अन्य उपचुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के परिणामों के साथ ही 23 नवंबर को आयगा झारखण्ड में वर्तमान में इंडिया गठबंधन की सरकार है पर वो केवल नाम है झारखंड में असल मुकाबला भाजपा और झामुमो यानि झारखंड मुक्ति मोर्चा के बीच है। जैसे उत्तर प्रदेश में भले ही आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बसपा कितने भी दावे कर ले पर असल मुकाबला समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के बीच ही होना है यानि यूपी में एनडीए गठबंधन और इंडिया गठबंधन केवल नाम के गठबंधन हैं।   

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फ़िलहाल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर पूरे देश की नजर है क्योंकि महाविकास अघाड़ी गठबंधन और महायुति गठबंधन अपनी अपनी सरकार बनाने का दावा करते नज़र आ रहे हैं। और इसी बीच इलेक्टोरल एज का प्री पोल सर्वे ने सबकी धड़कने बढ़ा दी हैं पर शायद सर्वे पर अब उतना भरोसा न देश की जनता को होगा न ही राजनीतिक दलों को क्योंकि तमाम सर्वे लोकसभा चुनाव और हरियाणा चुनाव के समय गलत साबित हो हो गए थे। महाराष्ट्र मे 288 सीटों पर चुनाव होना है और 144 सीट बहुमत के लिए चाहिए होगीं। पर अगर सर्वे आये हैं तो थोड़ा बहुत विचार करना ही होगा। फ़िलहाल सर्वे की बात करें तो सर्वे के मुताबिक महाराष्ट्र में एमवीए यानि महाविकास अघाड़ी गठबंधन को जबरदस्त फायदा होता नजर आ रहा है. सर्वे की मान लें तो  महाविकास अघाड़ी गठबंधन को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 157 सीटें मिल सकती है। इसमें कांग्रेस को 68 सीटें, एनसीपी शरद पवार गुट को 44 सीटें, शिवसेना उद्धव ठाकरे गुट को 41 सीटें, समाजवादी पार्टी को 1 सीट, सीपीआईएम को 1 सीट और PWP को 2 सीटें मिल सकती है। तो वहीं महायुति गठबंधन यानि भाजपा गठबंधन को इस बार जनता कुर्सी से उतार सकती है जिसमे सबसे ज्यादा नुकसान भाजपा को हो सकता है। जानकारी के मुताबिक सर्वे ने भाजपा को महायुति गठबंधन में सबसे अधिक सीट जीतने की बात जरूर कही है पर ये आंकड़ा पिछले चुनाव में मिली 106  सीट से 27  सीट कम यानि 79 सीट तक सिमट सकता है। तो वहीं शिवसेना शिंदे गुट को 23 सीटें, एनसीपी अजीत पवार गुट को 14 सीटें, RYSP को एक सीट और अन्य को 14 सीटें मिल सकती है.

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फ़िलहाल में महाराष्ट्र में बढ़िया प्रदर्शन करना भाजपा के लिए बहुत जरुरी हो गया है क्योंकि बीते लोकसभा चुनाव में भाजपा का महाराष्ट्र में प्रदर्शन ठीक नहीं रहा था। गौरतलब भी है महाराष्ट्र और यूपी में भाजपा के खराब प्रदर्शन के कारण ही 2014 और 2019 की तरह भाजपा अपने दम पर सता में आने वाली भाजपा 2024 लोकसभा चुनाव में  बहुमत में नहीं आ पायी थी। और इसलिए महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद विधानसभा चुनाव बीजेपी के लिए नाक की लड़ाई बन चुकी है। हालांकि सर्वे में यहाँ महाविकास अघाड़ी गठबंधन को सत्ता मिलती दिखाई दे रही तो वहीं सपा और एएआईएमआईएम को नुकसान नज़र आ रहा है और सर्वे के मुताबिक इन दोनों पार्टी को जनता पिछले चुनाव की तरह दो दो सीटें नहीं देने जा रही है।   

पर फ़िलहाल समाजवादी पार्टी ने गठबंधन धर्म का पालन न करते महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में 9 उम्मीदवारों का नामांकन कराकर  महाविकास अघाड़ी गठबंधन की टेंशन बढ़ा दी है क्योंकि समाजवादी पार्टी ने मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में ही अपने 9 उम्मीदबार उतारे हैं और साथ में आपको बताते चलूँ कि सपा ने जिन 9 उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है उनमें से 7 उम्मीदबार मुस्लिम धर्म से आते हैं। तो वहीं असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने महाराष्ट्र चुनाव में 14 उम्मीदवारों को टिकट दिया है। इस व्यवस्था से एक बात तो स्पष्ट हो जाती है कि इंडिया गठबंधन कितना भी दावा करे पर बात साफ है कि ये इंडिया गठबंधन केवल लोकसभा चुनाव के लिए ही बना था और उसके लिए ही काम आया बाकी अलग अलग राज्यों में विधानसभा चुनाव में अलग अलग दलों की महत्वकांक्षा ने  इस इंडिया गठबंधन को राज्यों के विधानसभा चुनाव में उपयोगी नहीं छोड़ा है। बाकी एकता क्या होती है और एकता न होने से क्या होता है वो हम सब हरियाणा विधानसभा चुनाव में देख चुके हैं जहाँ आप का कांग्रेस से गठबंधन न होने के चलते कांग्रेस को हरियाणा में हार मिलती है। 

महाराष्ट्र चुनाव केवल एक ही चरण में यानि 20 नवंबर को होंगे और परिणाम अन्य जगहों की तरह 23 नवंबर को आएगा। 

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