वो वजह जिसके कारण अमित शाह महाराष्ट्र चुनाव छोड़ दिल्ली गये
वो वजह जिसके कारण अमित शाह महाराष्ट्र चुनाव छोड़ दिल्ली गये
मणिपुर यानि पूर्वोत्तर के राज्य में अमूनन शांति कायम रहती थी पर बीते डेढ़ साल से मणिपुर अशांत है कारण वहां के निवासी मैतई और कुकी समुदाय के बीच का संघर्ष। उसी के बीच में पिछले साल मई 2023 में मणिपुर सरकार ने आरक्षित वन क्षेत्रो में बस्तियां बनाकर काबिज अवैध अप्रवासियों को हटाने के प्रयास शुरू किए। मणिपुर सरकार के मुताबिक म्यान्मार से अवैध अप्रवासी 1970 के दशक से मणिपुर में बस रहे हैं। जो राज्यों की सुरक्षा व्यवस्था के लिए चुनौती बन रहे हैं। मणिपुर सरकार के इस अभियान के बाद वहां पर रह रहे अवैध अप्रवासियों और कुकी समुदाय के लोग एकजुट होकर प्रदर्शन पर उतर आये। और उनका संघर्ष मैतई समाज के लोगों के साथ होने लगा। जो कि मणिपुर में बीते लम्बे समय से अंदर ही अंदर जारी है ही।
अभी कुछ समय से हालात थोड़े काबू में थे पर एक हफ्ते पहले मैतई समाज के 6 लोगों के शव मिलने के बाद ,मामला बढ़ गया है इन मृत 6 लोगों में 3 महिलायें थी और तीन बच्चे भी थे। जिनका कुछ समय पहले स्थानीय उग्रवादियों ने अपहरण कर लिया था। उसके बाद मणिपुर में कुछ शांत पड़ा आंदोलन फिर उग्र हो गया। और तो और प्रदर्शनकारियों ने इंफाल घाटी के विभिन्न हिस्सों में शनिवार को हिंसक प्रदर्शन करते हुए शनिवार को राज्य के तीन मंत्रियों और छह विधायकों के आवासों पर भी हमला किया। जिसके बाद जिन क्षेत्रों में ज्यादा बवाल मचा हुआ है वहां अफ्स्पा लगा दिया गया है। हालाँकि मणिपुर की वीरेन सरकार केंद्र से अफ्स्पा बापस लेने की मांग कर रही है। इसी बीच मणिपुर के बिगड़ते हालात को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार एक्शन मोड में आ गई है क्योंकि मणिपुर मुद्दे को लेकर पहले भी न केवल मणिपुर की राजनीति बल्कि देश की राजनीति में भी भूचाल आ गया था। विपक्ष को बैठे बिठाये एक गरम मुद्दा मिल गया था जिसको लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी व्यथित हो गए थे। यही वजह रही कि जैसे ही मणिपुर के हालात दोबारा खराब दिखे बैसे ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह महाराष्ट्र में अपनी सभी चुनावी रैलियां रद्द कर दिल्ली लौट आए और तुरंत ही मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। इसके साथ ही केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शीर्ष सुरक्षा अधिकारियों को राज्य में शांति सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाने का निर्देश भी दिए। साथ ही साथ सीआरपीएफ चीफ अनीश दयाल को मणिपुर भेजकर हालात सामान्य करने के आदेश दिए।
आपको बता दें कि फ़िलहाल मणिपुर का मामला फिर टूल पकड़ता नज़र आ रहा है क्योंकि इस बवाल के बीच भाजपा की सहयोगी कोनराड संंगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (NPP) ने रविवार को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को पत्र लिखकर वीरेन सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। हालाँकि भाजपा के पास मणिपुर में स्पष्ट बहुमत है और उसे कोई भी राजनीतिक परेशानी नहीं है। पर कहीं न कही ये समर्थन वापसी भाजपा के लिए भविष्य में समस्याओं की एक नई शुरुआत कर सकती है।
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