सरसों की इन उन्नत किस्मों की खेती कर के किसान कमा सकते हैं अच्छा मुनाफा , जाने
अक्टूबर का महीना चल रहा हैं ऐसा कहा जाता हैं की अक्टूबर के महीने में सरसों की खेती करना अच्छा होता हैं. ऐसे में अगर आप भी सरसों की खेती करने की तैयारी कर रहें हैं तो आज का ये कृषि आर्टिकल जरुर पढ़े..
भारत में सबसे ज्यादा सरसों की खेती की जाती हैं. वहीं सरसों की खेती का देश की अर्थव्यवस्था में काफी महत्वपूर्ण स्थान हैं. वहीं सरसों की खेती किसानों के लिए काफी लोकप्रिय भी हैं. क्योंकी सरसों की फसल कम लागत में आसानी से हो जाती हैं. इसी के साथ रबी का सीजन आते ही सरसों उगना शुरु हो जाती हैं. उगती सरसों की किस्म की बुआई अक्टूबर के महीने की शुरुआत से दूसरे पखवाड़े तक की जाती है. ऐसे में किसान सरसों की इन पांच किस्मों को कर के अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
किस्में
1. आर एच 30 किस्म: सरसों की ये किस्म हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी राजस्थान क्षेत्रों के लिए सबसे बेहतर होती है. ये किस्म सिंचित और असिंचित क्षेत्रों के लिए काफी उपयोगी है. इस किस्म को पकने में 130 से 135 दिन लगते हैं. अगर 15 से 20 अक्टूबर तक इस किस्म की बुवाई कर दी जाए तो उपज 16 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर मिल सकती है. इसमें तेल की मात्रा लगभग 39 प्रतिशत तक होती है.
२. आरएच-761 किस्म: सरसों की इस किस्म में ज्यादा सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती है. इसके अलावा ये पाले के प्रति सहनशील होती है. इस किस्म में 25-27 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक उत्पादन होता है. इसमें 45 से 55 दिन में फूल आने लगते हैं. फसल को तैयार होने में 136 से 145 दिन का समय लगता है.
3. राज विजय सरसों-2: सरसों की ये किस्म मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश के इलाकों के लिए उपयोगी है. फसल 120 से 130 दिनों में तैयार हो जाती है. रिपोर्ट्स के अनुसार इस किस्म की अक्टूबर में बुवाई करने से 20 से 25 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की दर से पैदावार मिलती है
4. आरएच 725 किस्म: सरसों की ये किस्म 136 से 143 दिनों में पक कर तैयार होती है. इसकी फलियां लंबी होती हैं और फलियों में दानों की संख्या 17 से 18 तक होती है.
5. पूसा बोल्ड किस्म: ये किस्म राजस्थान, गुजरात, दिल्ली और महाराष्ट्र के इलाकों में ज़्यादा उगाई जाती है. इसकी फसल करीब 150 दिन में कटाई के लिए तैयार हो जाती है. इस किस्म की उत्पादन क्षमता 18 से 20 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है.
No Previous Comments found.