प्रयागराज, 26 अक्टूबर: योगी सरकार के सहयोग से इलाहाबाद/प्रयागराज संग्रहालय महाकुंभ-2025 के दौरान एक भव्य प्रदर्शनी का आयोजन करेगा, जहां श्रद्धालुओं को भारत की समृद्ध संस्कृति और वैभव के दर्शन होंगे। इस प्रदर्शनी में दिल्ली में बन रहे विश्व के सबसे बड़े युगे-युगीन संग्रहालय का एक झलक भी देखने को मिलेगी।
विविध संग्रह की प्रदर्शनी
प्रयागराज का संग्रहालय देश के चार राष्ट्रीय संग्रहालयों में से एक है, जिसमें मूर्तिशिल्प, मृण्मूर्ति, लघुचित्र कला, आधुनिक चित्र कला, पुरातात्विक वस्तुएं, मुद्राएं, अस्त्र-शस्त्र, वस्त्र, पाण्डुलिपियां और फरमान शामिल हैं। यहाँ के संग्रह में तीसरी सदी ई. पूर्व का अशोक स्तम्भ, भरहुत स्तूप की मूर्तियां, और मध्यकालीन वैष्णव, शाक्त, शैव और जैन मूर्तियों का विशेष महत्व है।
डिजिटल प्रदर्शनी का आयोजन
इलाहाबाद/प्रयागराज संग्रहालय के डिप्टी क्यूरेटर, डॉ. राजेश मिश्रा ने बताया कि महाकुंभ में एक डिजिटल प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी, जिसमें ऐतिहासिक वस्तुओं का प्रदर्शन होगा। इस प्रदर्शनी में एक अमृत कलश भी बनाया जाएगा, जो श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र होगा।
मूर्तियों की रेप्लिका का प्रदर्शन
डॉ. मिश्रा ने आगे बताया कि महाकुंभ में संग्रहालय में रखी मूर्तियों के रेप्लिका प्रदर्शित किए जाएंगे। 2019 के कुंभ में मोहिनी की मूर्ति ने श्रद्धालुओं का ध्यान आकर्षित किया था और उसे सेल्फी प्वाइंट के रूप में उपयोग किया गया था।
तैयारी की प्रगति
प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियों के साथ ही संग्रहालय और मेला प्राधिकरण के बीच स्थान को लेकर लगातार बैठकें चल रही हैं। योगी सरकार की कोशिश है कि मेले में आने वाले श्रद्धालुओं को भारत की कला, संस्कृति और वैभव के अद्वितीय दर्शन हो सकें।
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