विश्व आर्द्रभूमि दिवस पर बड़बेला में आयोजित हुआ कार्यक्रम

झालावाड़ : जिला पर्यावरण समिति एवं वन विभाग के संयुक्त तत्वावधान में रविवार को जिला कलक्टर अजय सिंह राठौड़ के मुख्य आतिथ्य में वेटलैण्ड बड़बेला तालाब स्थित लव कुश वाटिका में ‘‘हमारे साझा भविष्य के लिए आर्द्रभूमियों का संरक्षण’’ थीम पर विश्व आर्द्रभूमि दिवस मनाया गया।  इस दौरान आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए जिला कलक्टर ने कहा कि ईश्वर ने प्रकृति को तीन भागों में विभाजित किया है वनस्पति, जीव-जन्तु और मनुष्य। इनमें वनस्पति और जीव-जन्तु प्रकृति से लेने नहीं प्रकृति को देने का काम करते हैं। उन्होंने कहा कि मानव जाति को भी प्रकृति को देना सिखना होगा।  उन्होंने कहा कि वेटलैण्ड का संरक्षण करना हमारा कर्तव्य ही नहीं धर्म भी है। सबसे पहले हमें वेटलैण्ड के संरक्षण व संवर्द्धन के लिए कार्य करना होगा। पर्यावरण प्रदूषण नहीं करें और हजारों मील दूर से आने वाले पक्षियों के विचरण के लिए वैटलेण्ड व तालाबों को साफ-सुथरा रखें। उन्होंने विभिन्न प्रजातियों के पक्षियों की जानकारी देते हुए बताया कि झालावाड़ में करीब 50 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं। बर्ड वॉचिंग एक बहुत सुन्दर अनुभूति है, इसका आनन्द सभी को लेना चाहिए। 
उप वन संरक्षक ने वेटलैण्ड के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए की अपील इस दौरान उप वन संरक्षक सागर पंवार ने कहा कि जिले में पूर्व में भी पर्यावरण संरक्षण के लिए वन विभाग एवं अन्य संस्थाओं द्वारा कई महत्वपूर्ण नवाचार एवं कार्य किए गए हैं। बड़बेला में निर्मित लव-कुश वाटिका वन विभाग एवं पर्यावरण प्रेमियों के अथक प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने अपील करते हुए कहा कि जिले में घोषित अन्य 3 वेटलैण्ड के संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए भी पर्यावरण प्रेमी एवं सामाजिक संस्थाएं अपना सहयोग दें।
6 माह में करीब 5 हजार लोगों ने लव-कुश वाटिका का किया भ्रमण
कार्यक्रम में सहायक वन संरक्षक संजू कुमार शर्मा ने जिले में किए गए पर्यावरण संरक्षण के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहले जिले में बड़बेला तालाब को वेटलैण्ड घोषित किया गया तथा वर्ष 2024 में अन्य तीन स्थानों को भी वेटलैण्ड घोषित किया गया है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन एवं ग्रामीणों के प्रयासों से वेटलैण्ड बड़बेला में लव-कुश वाटिका जैसे सुन्दर एवं मनमोहक स्थल का निर्माण हुआ, जहां पिछले 6 माह में करीब 5 हजार से अधिक लोगों द्वारा भ्रमण किया गया है। 
वेटलैण्ड के अर्थ एवं उपयोगिता की दी जानकारी
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रोफेसर दिलीप कुमार शर्मा ने वेटलैण्ड के अर्थ एवं उसकी उपयोगिता की जानकारी देते हुए राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे वेटलैण्ड चिन्हीकरण के कार्य के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए पक्षियों की रक्षा करना आवश्यक है। पक्षियों द्वारा प्रकृति के लिए बीजों के वितरण एवं परिवहन का कार्य सुगमता से किया जाता है। 
पर्यावरण संरक्षण के लिए उत्कृष्ट कार्य करने पर व्यक्तियों एवं संस्थाओं को किया सम्मानित
कार्यक्रम में जिला कलक्टर द्वारा जिले में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तियों व संस्थाओं सहित कार्यक्रम से पूर्व आयोजित चित्रकला एवं क्विज प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रशस्ति-पत्र एवं स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया गया। इस दौरान वन विभाग द्वारा तैयार जिले के खूबसूरत एवं प्राकृतिक परिदृश्य को प्रदर्शित करती डॉक्यूमेन्ट्री का प्रदर्शन प्रोजेक्टर के माध्यम से किया गया। 
जिला कलक्टर ने किया पक्षी गैलेरी का उद्घाटन एवं क्यूआर कोड का विमोचन
कार्यक्रम से पूर्व जिला कलक्टर द्वारा लव-कुश वाटिका में वन विभाग द्वारा निर्मित पक्षी गैलेरी का उद्घाटन एवं अवलोकन किया गया। इस दौरान वन विभाग के नवाचार क्यूआर कोड का विमोचन भी जिला कलक्टर द्वारा किया गया जिसे स्कैन कर झालावाड़ में पाए जाने वाले पक्षियों की सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती है। वहीं जिला कलक्टर द्वारा यहां पौधारोपण भी किया गया। अंत में सहायक वन संरक्षक मुकेश सहजवानी ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन नरेन्द्र दुबे एवं पूनम सेंगर ने किया। इस दौरान बड़बेला राजकीय विद्यालय, सेन्ट जोसफ इन्टरनेशनल स्कूल, संकल्प ऐकेडमी एवं ब्लोसम स्कूल के छात्र-छात्राओं सहित विभिन्न सामाजिक संस्थाओं के प्रतिनिधि, सदस्य एवं पर्यावरण प्रेमी उपस्थित रहे। 
रिपोर्टर : रमेश चन्द्र शर्मा

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.