बीजेपी का काम कर रहे अखिलेश , क्या जल्द बीजेपी में होंगे शामिल ?
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद से इंडिया गठबंधन में भूचाल आ चुका है, और ये भूचाल अब राजनीतिक संकट का रूप ले चुका है। समाजवादी पार्टी समेत कई अन्य दलों ने कांग्रेस की अगुआई पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। हालांकि कांग्रेस लोकसभा चुनाव में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, लेकिन गठबंधन के अन्य दलों के लिए वह वैसा भरोसा और नेतृत्व नहीं बन पाई, जैसा एक मजबूत गठबंधन के लिए जरूरी होता है। नतीजतन, गठबंधन की एकता अब खतरे में है, और यह संकट दिनोंदिन गहराता जा रहा है।और तो और इस पूरे मामले में ममता बनर्जी का बयान पूरी सियासत का मोड़ पलटने वाला साबित हुआ। ममता ने हाल ही में कहा कि अगर मौका मिला, तो वो इंडिया गठबंधन की कमान संभालने के लिए तैयार हैं.... ममता के इस बयान के बाद गठबंधन के भीतर भूचाल आ गया .... एनसीपी के शरद पवार जैसे बड़े नेता खुलकर उनके समर्थन में आ गए हैं, और पवार ने ममता को एक सक्षम नेता बताते हुए कहा कि वह पूरी तरह से गठबंधन का नेतृत्व कर सकती हैं..लेकिन क्या आप जानते हैं , कि आखिर इसके पीछे की इनसाइड स्टोरी क्या है ...आखिर और असली खिलाड़ी है ... नहीं तो चलिए हम बताते हैं
इस खेल का असली खिलाड़ी अखिलेश यादव हैं . कैसे चलिए वो भी बता देते हैं .. कांग्रेस और सपा के बीच खटपट की कहानी बहुत पुरानी है। मध्य प्रदेश चुनाव से लेकर महाराष्ट्र विधानसभा और यूपी उपचुनाव तक, दोनों दलों के बीच तनातनी सामने आई थी। लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने कांग्रेस को 17 सीटें दी थीं, जिनमें से 6 पर कांग्रेस को जीत भी मिली थी, लेकिन फिर भी सपा और कांग्रेस के रिश्ते में तनाव बढ़ता ही गया। मध्य प्रदेश चुनाव के दौरान सपा ने कांग्रेस से सीटों की मांग की, लेकिन कांग्रेस ने इसे नकार दिया, जो इस बात का संकेत था कि दोनों दलों के बीच कोई सुलह नहीं हो रही है..ऐसे में जब अखिलेश यादव ने कांग्रेस का महाराष्ट्र में साथ छोड़ा ...तो कई और बड़े दल खड़े हो गए , राहुल गांधी के नेतृत्व पर सवाल उठाने के लिए ... ऐसे में ममता दीदी और अखिलेश यादव की दोस्ती भी किसी से छिपी नहीं है .. अखिलेश यादव ने एक कदम सोच समझ कर उठाया और ममता दीदी के सहारे गठबंधन की नींव ही हिला दी ..
अब सवाल यही है कि क्या ममता बनर्जी के नेतृत्व में इंडिया गठबंधन के सभी दल एकजुट हो पाएंगे, या यह सियासी टूट और बिखराव और बढ़ेगा? लेकिन जो भी हो , एक बात तय है कि इंडिया गठबंधन में आई ये दरार बीजेपी के काम जरूर आएगी ...अखिलेश यादव ने कांग्रेस से बदला लेने के चक्कर में बीजेपी के लिए फायदे का काम कर दिया है ..क्योंकि अगर ममता बनर्जी इंडिया गठबंधन की कमान संभालती हैं, तो यह साफ तौर पर अखिलेश यादव की तरफ से बीजेपी के फायदे का काम साबित हो सकता है...भले ही अखिलेश यादव को खुद इस बात का एहसास ना हो ...अखिलेश यादव ने अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी को अवसर दे दिया है, क्योंकि इससे गठबंधन की एकता कमजोर होगी और विपक्षी दलों के बीच की खींचतान बढ़ेगी।इससे बीजेपी को विपक्ष की कमजोरियों का फायदा उठाने का मौका मिलेगा, और वह फिर से राजनीतिक फायदा हासिल कर सकती है..
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