2025 में सियासत होगी गोलमाल , सियासत का हाल होगा बेहाल !
नया साल नजदीक है और हम में से ज्यादातर लोग छुट्टियों के प्लान और पार्टी की तैयारियों में बिजी हैं। मगर क्या आपने सियासी दंगल की तैयारी भी देखी है? 2025 का साल भारतीय राजनीति में एक ऐसा मील का पत्थर बनने वाला है, जो ना सिर्फ पुरानी ताकतों के लिए एक बड़ा इम्तिहान होगा, बल्कि नए समीकरणों और उलटफेरों का भी गवाह बनेगा। अब अगर राजनीति की बात हो, तो सबसे पहले नाम आता है भारतीय जनता पार्टी का, और 2025 में BJP के साथ-साथ संघ भी एक ऐतिहासिक मोड़ लेने वाला है ..वहीं विपक्ष का क्या हाल होने वाला है , ये भी जानना दिलचस्प होगा .. तो तैयार हो जाइए, 2025 में राजनीति के पारे को गरम होते देखने के लिए! ..और इसमें क्या क्या देखने को मिलेगा ..चलिए बताते हैं
BJP का शतक: हर कदम पर जीत का भरोसा!
2024 में लोकसभा चुनावों के बाद, BJP ने हरियाणा और महाराष्ट्र में वापसी की जो धांसू शुरुआत की, वह बता रही है कि 2025 का सियासी मैदान और भी जोरदार होने वाला है। दिल्ली और बिहार विधानसभा चुनावों से लेकर हर छोटे-बड़े चुनाव में भाजपा की रणनीतियां विपक्ष को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली। दिल्ली में भाजपा 27 साल से चल रहे वनवास को समाप्त करने के लिए सभी ताकत लगा देगी, और अरविंद केजरीवाल अगर फिर से अपनी सत्ता बचा लेते हैं, तो विपक्ष की खुशी का ठिकाना नहीं रहेगा। बिहार में भी तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन सरकार को धूल चटाने की योजना बीजेपी के पास होगी। कुल मिलाकर, BJP अपने दुश्मनों को हर मोर्चे पर घेरने के लिए तैयार है।
बीएमसी का महाकुंभ: मुंबई की सियासत में भूचाल!
मुंबई का बीएमसी चुनाव एशिया की सबसे बड़ी सिविक बॉडी के लिए होगा और यह इस साल एक ऐसे मुकाबले में तब्दील हो सकता है, जो पूरे महाराष्ट्र की सियासत को हिला दे। शिवसेना के दो टुकड़े होने के बाद, भाजपा ने मुंबई में अपनी जड़ें मजबूत कर ली हैं। इस बार, बीएमसी के चुनाव में भाजपा अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है। मुंबई की सियासत में यह 'महायुति' और 'महाविकास अघाड़ी' का मुकाबला, शिंदे-उद्धव के बीच कट्टर टक्कर को जन्म दे सकता है। भाजपा यहां सियासी समर में निर्णायक भूमिका निभाने जा रही है।
कांग्रेस का दर्द: कब होगा चमत्कार?
2025 में कांग्रेस के लिए चुनौती सिर्फ चुनावी मैदान तक सीमित नहीं होगी, बल्कि उसे अपने अस्तित्व और संगठन को बचाने के लिए सख्त फैसले लेने होंगे। तेलंगाना, कर्नाटक और हिमाचल प्रदेश में अपनी सरकारों को बचाने से लेकर, विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. में ममता बनर्जी का बढ़ता प्रभाव, कांग्रेस के लिए सियासी मोहरे की तरह होगा। राहुल गांधी और गांधी परिवार का बीजेपी द्वारा लगातार निशाना बनना, कांग्रेस के सामने एक और बड़ा संकट होगा। क्या कांग्रेस खुद को फिर से खड़ा कर पाएगी या फिर यह पार्टी सियासी गर्त में समा जाएगी? यह सवाल 2025 के हर चुनावी दौर में गूंजेगा!
संघ का शतक: सियासी पंड़ितों के लिए बड़ा संदेश!
2025 में संघ अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करेगा और यह वक्त भारतीय राजनीति में एक बड़ा संदेश लेकर आएगा। संघ का लक्ष्य एक लाख शाखाएं फैलाने का है। यह संघ का सशक्त सामाजिक समरसता अभियान रहेगा, जो ना सिर्फ भाजपा के पक्ष में माहौल बनाएगा, बल्कि आने वाले चुनावों की दिशा भी तय करेगा।
पीएम मोदी का 75वां साल: राजनीति के रिटायरमेंट की चर्चाएं!
वहीं अब सबसे दिलचस्प सवाल यह है कि 17 सितंबर 2025 को जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 75 साल के हो जाएंगे, तो क्या उनके सियासी करियर का भी कोई नया मोड़ आएगा? क्या वह प्रधानमंत्री पद से हटकर मार्गदर्शक मंडल में जाएंगे, जैसे कि विपक्ष कहता है? या फिर वे सत्ता की गद्दी पर बने रहेंगे, क्योंकि भाजपा के संविधान में 75 साल की उम्र में रिटायरमेंट की कोई शर्त नहीं है! भाजपा का अगला राष्ट्रीय अध्यक्ष कौन होगा, और क्या वह संघ के करीबी होंगे? ये सारे सवाल सियासी गलियारों में गर्म हैं, और इन सवालों के जवाब 2025 में मिलेंगे।
देखा जाए तो 2025 में भारतीय राजनीति का पारा जबरदस्त चढ़ने वाला है। भाजपा और संघ अपनी रणनीतियों से मैदान में उतरेगा, जबकि विपक्ष को अपनी लड़ाई के लिए नए समीकरणों की तलाश होगी। 2025 का साल सियासी भूचाल ला सकता है, और हर पार्टी को अपनी दावों और दलों के साथ मिलकर इस शह-मात के खेल में आगे बढ़ना होगा..
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