सपा में इस्तीफों का दौर जारी, सलीम शेरवानी ने छोड़ा अपना पद
लोकसभा चुनाव से पहले एक के बाद एक विपक्ष को बड़ा झटका लग रहा है..एक-एक करके सभी अपने पार्टी का हाथ छोड़कर भाजपा में शामिल हो रहे हैं...फिर चाहे वो कांग्रेस हो या फिर सपा...बीते दिनों में कांग्रेस के भी कई कद्दावर नेता पार्टी छोड़ भाजपा में जा चुके हैं तो वहीं सपा में ही बगावत को दौर जारी है...बीते दिनों सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था वहीं आज समाजवादी पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है...स्वामी प्रसाद मौर्य के बाद अब सलीम शेरवानी ने भी महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया है...सलीम ने सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को चिट्ठी लिखी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि पार्टी में मुसलमानों की उपेक्षा से परेशान होकर महासचिव पद से इस्तीफा दे रहा हूं...जल्द ही भविष्य को लेकर फैसला लूंगा...देखिए..
अखिलेश यादव को लिखे पत्र में सलीम शेरवानी ने कहा कि मुसलमान लगातार उपेक्षित महसूस कर रहा है, राज्यसभा के चुनाव में भी किसी मुसलमान को नहीं भेजा गया...बेशक मेरे नाम पर विचार नहीं होता, लेकिन किसी मुसलमान को भी यह सीट मिलनी चाहिए थी... मुसलमान एक सच्चे रहनुमा की तलाश में हैं, मुझे लगता है सपा में रहते हुए मैं मुसलमान की हालत में बहुत परिवर्तन नहीं ला सकता...सलीम शेरवानी ने आरोप लगाया है कि जिस तरह से आपने पीडीए का नाम लिया लेकिन राज्यसभा में उम्मीदवारों की लिस्ट को देखकर लगता है कि आप खुद ही पीडीए को कोई महत्व नहीं देते...वहीं विपक्षी गठबंधन को लेकर शेरवानी ने कहा, "एक मजबूत विपक्षी गठबंधन बनाने का प्रयास बेमानी साबित हो रहा है और कोई भी इसके बारे में गंभीर नहीं दिखता है... ऐसा लगता है कि विपक्ष सत्ता पक्ष की गलत नीतियों से लड़ने की तुलना में एक दूसरे से लड़ने में अधिक रुचि रखता है.."
जाहिर है सलीम शेरवानी बदायूं लोकसभा सीट से पांच बार के सांसद रह चुके हैं... वह चार बार सपा की टिकट पर चुनाव जीते, जबकि एक बार कांग्रेस से सांसद रह चुके हैं... 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले शेरवानी सपा छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे... चुनाव में कांग्रेस से मिली हार के बाद वह सपा में वापस आ गए थे...लेकिन एक बार फिर उन्होंने सपा को छोड़ने का मन बना लिया है, आसार है कि जल्द ही वो इसका एलान भी कर देंगे...
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