लालू प्रसाद यादव जी ने पासी समाज के लिए बहुत कुछ किया है।

समस्तीपुर - हसनपुर विधानसभा के वरिष्ठ राजद नेता रामनारायण मंडल उर्फ बच्ची मंडल नें कहा कि बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव जी ने पासी समाज के लिए बहुत कुछ किया है। उन्होंने कहा पहले ताड़ के पेड़ों से ताड़ी उतारने के लिए लोगों को टैक्स देना होता था, सरकार की ओर से ताड़ी टैक्स वसूला जाता था। जिसे गरीबों के मसीहा लालू प्रसाद यादव जी ने मुख्यमंत्री बनने के तुरंत बाद पासी भाईयों के लिए सदियों से चले आ रहे ताड़ी टैक्स  को माफ किया था। मुझे स्मरण है कि 1990-91 में एक दफ़ा सभा में उपस्थित पासी भाइयों से बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने पूछा कि पासी भाई दिखाएं कि ताड़ के पेड़ पर चढ़ने से उनके करेजा पर घट्ठा पड़ा है कि नहीं। (घट्ठा जो त्वचा के ऊपर ऐसा घाव होता है जिसमें कुछ दूर तक चमड़ी कड़ी और काली हो जाती है) श्री मंडल ने बताया कि सभा में लालू यादव ने कहा कि करेजा पर घट्ठा होई त देखावे के परी, फिर क्या था लालू जी के इतना कहते ही भीड़ में शामिल पासी समाज के लोग कुर्ता- कमीज का बटन खोलने की बजाय सीधे कुर्ता फाड़ कर दिखाने लगे कि देखीं साहेब हमरो करेजा पर घट्ठा बा। उन्होंने कहा पहले की सामंती व्यवस्था में शोषक लोग दलित-पिछड़ी जाति के लोगों का सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक और मानसिक से लेकर शारीरिक शोषण भी करते थे। जिसे गरीबों के मसीहा लालू प्रसाद यादव ने रोका तो चंद लोगों के लिए खलनायक बन गया। वही चंद लोगों ने लालू प्रसाद यादव जी का चरित्र हनन करने के लिए विभिन्न माध्यमों से नित नए-नए प्रपंच करने लगे। जिन्होंने लालू यादव को जोकर, गँवार और जंगलराज के जंगली की संज्ञा दी गयी, लेकिन लालू प्रसाद जी कहाँ डरने वालों में से थे। लालू प्रसाद जी अभी तक सामंती ताक़तों से लड़ रहे हैं। लालू यादव जी के शासन काल में पिछड़ी, गरीब और वंचित जातियों के लोग जब सत्ता के शीर्ष पर पहुंचे तो वंचित, उत्पीड़ित और उपहासित वर्गों के सामाजिक, राजनीतिक, शारीरिक और आर्थिक दुःख-तकलीफ़ को दूर करते रहे हैं, लेकिन आज कल कुछ आरएसएस जैसे विषैले संगठन और बीजेपी जैसी धूर्त पार्टियां मुखौटों व प्रतीकों का प्रयोग कर प्रतीकात्मक संदेशों के ज़रिए सामाजिक न्याय, समानता और धर्मनिरपेक्षता की इस लड़ाई को बड़ी चालाकी तथा महीन तरीके से कमजोर कर रही है। लेकिन आज अपनी विचारधारा और सिद्धांतों की तिलांजलि देकर चंद स्वार्थी लोग इनके चंगुल में फंसते भी जा रहे हैं। यह सामाजिक न्याय की राजनीति तथा दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्गों का सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक उभार ही है जिसके चलते बीजेपी, आरएसएस और एनडीए के लोग अब लोकतंत्र को कमजोर करने, संविधान बदलने, बाबा साहेब अंबेडकर को अपमानित कर आरक्षण खत्म करने जैसे दीर्घकालिक योजना पर कार्य कर रहे हैं। श्री मंडल ने कहा सभी दलितों - आदिवासियों और पिछड़ों को सामंती ताक़तों के विचार धारा से चेतने की जरूरत है, तभी हमारा बिहार माननीय तेजस्वी यादव के नेतृत्व में विकास के पथ पर आगे बढ़ेगा।


रिपोर्टर - गौतम कुमार सिंह

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