जामिया बरकातिया हजरत सूफी निजामुद्दीन लोहरौली में जश्न ए दस्तार बंदी
संतकबीरनगर : जामिया बरकातिया हजरत सूफी निजामुद्दीन लोहरौली में जश्न ए दस्तार बंदी के अवसर पर एक दिवसीय औलिया कॉन्फ्रेंस का भव्य आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता आल इंडिया बज़्मे निज़ामी के चेयरमैम मौलाना जियाउल मुस्तफा निजामी व मौलाना मोहम्मद सईद निजामी ने की और संचालन हारून अलीमी ने किया। कार्यक्रम का शुभारंभ कुरआन की तिलावत से क़ारी फजले हक नुरी ने किया। कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं ने शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए देश और समाज की उन्नति पर भी अपने विचार व्यक्त किए। विश्व विख्यात धर्म गुरु अल्लामा सुफी हबीबुर्रहमान रजवी सज्जादा नशीन दरगाह हज़रत सूफी निजामुद्दीन अगया शरीफ के संरक्षण में आयोजित कॉन्फ्रेंस में मुख्य वक्ता के रूप में ने मौलाना मोहम्मद फारूक निजामी प्रिंसिपल अलीमिया जमदा शाही धार्मिक ग्रंथ कुरआन पाक की शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कुरआन का ज्ञानी अल्लाह उसी को बनाता है जो उसकी दृष्टि में महत्वपूर्ण व्यक्ति होता है। कुरआन की शिक्षा प्राप्त कर हफिज़ ए कुरआन की उपाधि हासिल करने वाले छात्रों के माता पिता भी बहुत खुशनसीब हैं कि आज उनके पुत्रों ने कुरआन की शिक्षा ग्रहण कर अपने साथ ही अपने परिवार और रिश्तेदारों को अल्लाह से निकटता हासिल करने में सफ़लता प्राप्त की। मौलाना ने समाज को शिक्षित बनाने हेतु मात पिता को अल्लाह के नबी मोहम्मद (सल्लाह अलैहि वसल्लम)का संदेश भी सुनाया। मौलाना मोहम्मद अली निजामी ने सूफ़ी संतों के जीवनी पर प्रकाश डालने के साथ ही इस्लाम धर्म की शिक्षा के महत्व पर तकरीर करते हुए कहा कि मुस्लिम समाज को शिक्षा की मुख्यधारा से जुड़ने के लिए आगे आना चाहिए। मौलाना ने यह भी कहा कि इस्लाम धर्म की शिक्षा ग्रहण कर हमारे बच्चे एक नेक दिल इंसान के साथ ही श्रीष्टाचारी भी होते हैं क्यों कि इस्लाम धर्म सामाजिक भाई चारे, एकता और मोहब्बत का संदेश देता है। मौलाना बदरुद्दीन निजामी ने अपने उद्बोधन में इस्लाम धर्म के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस्लाम धर्म मानवता और सौहार्दपूर्ण वातावरण का पक्ष धर है। इस्लाम तलवार के बल पर नहीं बल्कि मानवतापूर्ण व्यवहार की बदौलत परवान चढ़ा है। इस्लाम नफ़रत नहीं बल्कि मोहब्बत और एकता का संदेश देता है। अल्लामा सुफी हबीबुर्रहमान रजवी ने कहा कि कुछ सांप्रदायिक मानसिकता के लोग हैं जो इस्लाम धर्म और कुरआन के संदेशों की गलत और भ्रमित करने वाली व्याख्या करके मुसलमानों और इस्लाम धर्म को बदनाम करने का कूटरचित कृत्य करते हैं ऐसे में कुरआन की शिक्षा प्राप्त कर उसके संदेश को जन जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है तभी इस्लाम धर्म के विरुद्ध फैलाई जा रही भ्रांतियों को दूर किया जा सकता है इस लिए मुसलमान अपने बच्चों को कुरआन की शिक्षा अवश्य दिलाएं। मौलाना जियाउल मुस्तफा निजामी ने मदरसा शिक्षकों और प्रबंध समिति के द्वारा शिक्षा के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्य पर शुभकामनाएं देते हुए मदरसा शिक्षा प्राणली को देश और समाज हित में महत्वपूर्ण बताया तथा देश की आज़दी और उन्नति में उलमा और मदारिसे अरबिया के योगदान पर भी प्रकाश डाला। मौलाना सनाउल मुस्तफा निजामी प्रिंसिपल जामिया ने कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि मदरसा के 11 छात्रों को हाफिज़ की उपाधि देकर दस्तार बांधी गई है। कार्यक्रम के सफ़ल आयोजन में मदरसा प्रबंध समिति के साथ ही अध्यापक कारी अजीजुर्रहमान रज़वी,मौलाना कोसर अलीमी,मास्टर अकील ,मास्टर कारी बदरूद्दीन,सद्दाम हुसैन आदि मदरसा कर्मचारियों का महत्वपूर्ण योगदान रहा। कार्यक्रम में नात ख्वां कमाल बस्तवी,महताब निजामी ने अपनी नात से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। हफिज़ ए कुरआन की उपाधि हासिल करने वाले छात्रों के माता पिता और रिश्तेदारों तथा दोस्तों ने माल्यार्पण कर खुशियां मनाई। सलात व सलाम के बाद अंत में मौलाना सुफी हबीबुर्रहमान रजवी ने देश की शान्ति और सद्भाव के लिए प्रार्थना की।इस अवसर पर मौलाना निसार आजमी,मौलाना नजमुद्दीन बरकाती,मौलाना सेराजुद्दीन निजामी,मौलाना शमसुल हक निजामी, मुफ्ती शकील निजामी,मुफ्ती कमाल अलीमी,मौलाना मशसूद आजमी, मौलाना कारी फजले हक नुरी, मौलाना कासिम बुरहानी,मौलाना मुहिब्बुर्रहमान मिस्बाही,मौलाना जैनुल आबेदीन, मौलाना ताहिर निजामी,मौलाना मकसुद,कारी तोसीफ रजा मिस्बाही,कारी अमीर हसन, कारी हाशिम निजामीआदि के साथ ही बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
रिपोर्टर - मोहम्मद नईम
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